वाराणसी: जे पी की विरासत खाली कराई गई.. सरकार ने तुड़वाया ताला....

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में राजघाट पर स्थित सर्व सेवा संघ परिसर में लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित गांधी विद्या संस्थान परिसर (गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ स्टडीज) को खाली करा दिया गया है। आरोप है कि इसके दरवाज़ों पर लगे ताले तोड़ दिए गए और बाद में इसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के हवाले कर दिया गया। वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के मुखिया हैं। आरोप है कि इनके नेतृत्व में इस कला केंद्र को फिलहाल राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) की नीति-रीति के मुताबिक संचालित किया जा रहा है। हालांकि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने सर्व सेवा संघ के विवाद के बाबत 16 मई 2023 को फैसला सुनाते हुए वाराणसी के कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के भीतर समूचे अभिलेखों की जांच करें और जिस जगह सर्व सेवा संघ स्थापित है, अगर वह ज़मीन उसी संस्था की है तो उसे लौटा दें।

बनारस के कमिश्नर कौशल राज शर्मा के निर्देश पर इलाकाई मजिस्ट्रेट आकांक्षा सिंह 15 मई 2023 को भारी पुलिस फोर्स के साथ सर्व सेवा संघ परिसर में पहुंची और गांधी विद्या संस्थान, लाइब्रेरी और निदेशक भवन का ताला तुड़वा दिया और जेपी के इन तीनों इमारतों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के हवाले कर दिया गया। दावा है कि तीनों ही इमारतें सर्व सेवा संघ की हैं, जिन्हें कई दशक पहले गांधी विद्या संस्थान चलाने के लिए विधिक रूप से आवंटित किया गया था। गांधी विद्या संस्थान का ताला तोड़ने के दौरान सर्व सेवा संघ के कार्यक्रम संयोजक राम धीरज एवं जेपी समर्थकों की मजिस्ट्रेट आकांक्षा सिंह से तीखी बहस हुई। विवाद बढ़ने पर मजिस्ट्रेट ने कमिश्नर कौशल राज शर्मा से बात की।
जेपी समर्थकों का आरोप है कि "मजिस्ट्रेट आकांक्षा सिंह ने किसी को न कोई आदेश दिखाया और न ही मौके पर कोई प्रतिलिपि चस्पा कराई। बनारस के कमिश्नर कौशल राज शर्मा के आदेश का हवाला देते हुए गांधी विद्या संस्थान के सभी कमरों का ताला तुड़वा डाला। साथ ही नया ताला लगवाकर संस्थान के परिसर को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के हलाले कर दिया।" बता दें कि यह वह संस्थान है जिसकी स्थापना साल 1961-62 में लोकमान्य जयप्रकाश नारायण की पहल पर डॉ. संपूर्णानंद, शंकर राव देव, के. अरुणाचलम, ईवि आर्यानायकम और नबोकिरण चौधरी ने कराई थी। आपातकाल के समय समाजवादी नेता जार्ज फर्नांडीज ने सर्व सेवा संघ में ही डेरा डाला और आंदोलन का खाका खींचा था।
धरोहरों को मिटाने का आरोप!

सर्व सेवा संघ के कार्यक्रम संयोजक राम धीरज ‘न्यूज़क्लिक’ के लिए कहते हैं, “बीजेपी के अनुसांगिक संगठन विद्यार्थी परिषद से ताल्लुक रखने वाले पत्रकार राम बहादुर राय का आरएसएस से गहरा जुड़ाव और सहानुभूति है। वह काफी दिनों से गांधी विद्या संस्थान पर नज़र गड़ाए हुए थे। साल 2003 में जब गांधी विद्या संस्थान में विवाद खड़ा हुआ, उसी समय राम बहादुर राय और सांसद वीरेंद्र मस्त यहां पहुंचे थे। भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोग इस संस्थान को अपने हाथ में लेना चाहते थे। गांधी विद्या संस्थान को कई मर्तबा बीजेपी के अनुसांगिक संगठन संस्कार भारती के हवाले करने की कोशिश हुई। साल 2003 से साल 2007 तक चली लंबी लड़ाई के बाद में कोर्ट ने एक अस्थायी संचालन समिति बनाई, जिसका सह-अध्यक्ष बनारस मंडल के कमिश्नर को बनाया गया। किसी कमिश्नर ने आज तक न तो समिति की बैठक बुलाई और न ही गांधी की विरासत को सहेजने में कोई दिलचस्पी ली। इस बीच गांधी विद्या संस्थान के तमाम फर्नीचर, हज़ारों पुस्तकें, पंखे आदि भी चोरी हो गए लेकिन कमिश्नर को अर्जी देने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा सकी।”
वह कहते हैं, “गांधी विद्या संस्थान परिसर के बाद समूचे सर्व सेवा संघ परिसर को बीजेपी के अनुसांगिक संगठनों के हवाले करने की तैयारी है। यह हाल तब है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट, वाराणसी के कलेक्टर को निर्देश दे चुका है कि वह अभिलेखों की जांच करें और अगर वह जगह सर्व सेवा संघ की है तो उसे दो महीने के अंदर लौटा दें। कमिश्नर को पता था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला जल्द ही आने वाला है। हड़बड़ी में उन्होंने गांधी विद्या संस्थान के ताले तुड़वा डाले और आनन-फानन में उसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के हवाले कर दिया। गांधी विद्या संस्थान की बिल्डिंग और ज़मीन हमारी है। संस्थान को किसी दूसरी संस्था को सौंपना विधि विरुद्ध है। राजघाट में जयप्रकाश नारायण की विरासत को लुटने से बचाने के लिए हम उपवास और धरना दे रहे हैं और न्याय मिलने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।"
हड़बड़ी में तोड़े गए ताले”

सर्व सेवा संघ से जुड़े एक्टिविस्ट सौरभ सिंह आरोप लगाते हुए कहते हैं, “कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने मनमाने ढंग से आदेश जारी करते हुए 15 मई 2023 को अचानक जेपी की इस संस्था को इंदिरा गांधी कला केंद्र के हवाले करने का एकतरफा आदेश जारी कर दिया। 15 मई 2023 को इलाकाई मजिस्ट्रेट आकांक्षा सिंह ने गांधी विद्या संस्थान के 16 कमरों के ताले तुड़वा दिए। गेस्ट हाउस और निदेशक के आवास पर भी कब्ज़ा करते हुए मजिस्ट्रेट आकांक्षा सिंह ने समूचे परिसर को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के हवाले कर दिया। गांधी विद्या संस्थान की ज़मीन और भवन ही नहीं, बल्कि पुस्तकालय और वहां रखी गईं सभी पुस्तकें सर्व सेवा संघ की हैं। साल 1962 में जेपी ने गांधी विचार और कार्यक्रमों का समाज पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन करने के लिए इस संस्थान की स्थापना की थी। इस संस्थान का उद्देश्य गांधी विचार के आधार पर चल रहे कार्यक्रमों का अध्ययन करना और उन्हें समाज विज्ञान से जोड़ना था।”

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