लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस दर्ज किया है। अधिकारी ने नौकरी से करीब सवा करोड़ रुपए वेतन के रूप में लिए, जबकि जांच में आय से करीब छह गुना अधिक मूल्य की अचल और चल संपत्ति मिली है। इंदौर में दो टीम, एक टीम पीथमपुर और एक टीम ने उज्जैन ने सर्चिंग की। सुबह 5:30 बजे से लोकायुक्त के अधिकारी ठिकानों पर पहुंचे और दस्तावेजों को खंगाला।
डीएसपी लोकायुक्त, इंदौर आनंद कुमार यादव ने बताया कि डॉ. मोहन सिंह खतेड़िया के यहां से काफी दस्तावेज मिले हैं। वर्तमान में इनका वेतन करीब डेढ़ लाख रुपए है। ये इंदौर के अलावा धार, देवास में पदस्थ रहे हैं। इनकी संपत्तियां उज्जैन, इंदौर, धार जिले में हैं। उज्जैन में मकान, पीथमपुर के ग्राम खंडवा के खेड़ा में RMC प्लांट है। यह बेटे के नाम पर है। इंदौर का तुलसी नगर स्थित मकान भाई के नाम पर है। पिछले पांच महीने से देवास में पदस्थ हैं। इसके पहले वे धार में पदस्थ थे।
सर्चिंग में मिली अचल संपत्ति
- इंदौर में तुलसी नगर स्थित तीन मंजिला भवन।
- उज्जैन में महाकाल वाणिज्यिक सेक्टर-सी में तीन मंजिला एक अन्य भवन।
- देवगुराड़िया में व्यावसायिक उपयोग का भूखंड।
- नायता मुंडला इंदौर में जमीन।
- दाहोद (गुजरात) में पत्नी के नाम भूखंड।
- पुत्र के प्रोपराइटरशिप में स्वयं के नाम से बनाई कंपनी एमएस कंस्ट्रक्शंस (मोहन सिंह कंस्ट्रक्शंस) के नाम से एक रेडी मिक्स क्रेशर प्लांट पीथमपुर में।
- चल संपत्ति में यह मिला
- स्वयं के नाम की उपरोक्त कंपनी के टाटा बल्कर(22-व्हीलर) डंपर ट्रक : कुल 3 ट्रक।
- स्वयं के नाम की उपरोक्त कंपनी के ट्रांजिट-मिक्सर (10-व्हीलर) ट्रक : कुल 4 ट्रक (2 टाटा कंपनी,1 आइशर,1 महिंद्रा)।
- एक महिंद्रा थार एसयूवी, एक मारुति ब्रेजा कार।
- घर से करीब साढ़े तीन लाख रुपए नकदी। इतनी ही राशि के आभूषण।
- 5 बैंक खाते और एक बैंक लॉकर की जानकारी मिली।
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