विधानसभा में पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा, स्पीकर की कुर्सी किसी दूसरे को देकर सदन चलाना चाहिए। हंगामे होने पर कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। गुरुवार को स्पीकर ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन का फैसला सुनाया था। इसके बाद से ही कांग्रेस के तमाम विधायकों ने पटवारी के साथ खडे़ रहकर सदन में लड़ाई लड़ने का ऐलान किया था।
पटवारी के निलंबन पर कमलनाथ ने कहा, ये नहीं चाहते कि इनकी बातों का खुलासा हो। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले- भ्रष्टाचार छिपाने का काम सरकार करती है, स्पीकर साथ देते हैं। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव लाना ही था तो मेरे खिलाफ लाते। मूल कार्य तो संसदीय कार्यमंत्री का था।
मीडिया को अंदर जाने से रोका, धरने के बाद जाने दिया
विधानसभा में आज मीडिया पर पाबंदी भी लगा दी गई थी। पुलिस ने बैरिकेड कर बाहर ही रोक दिया था। पुलिसकर्मियों का कहना था कि स्पीकर ने आदेश दिया है कि जहां बाइट होती है, उस कक्ष के अलावा कहीं और कवरेज नहीं किया जाएगा। इस पर पत्रकार धरने पर बैठ गए। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आकर धरना खत्म कराया। बोले- स्पीकर को इसकी जानकारी नहीं थी।
- सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने स्पीकर से कहा- हमने आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है।
- स्पीकर बोले- मुझे नहीं मिला, जब आएगा, तब देखेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हमने आपके कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया।
- सज्जन सिंह वर्मा ने कहा- मेरी मांग है कि सदन में स्पीकर की कुर्सी किसी दूसरे को देकर सदन चलाना चाहिए।
- नरोत्तम मिश्रा ने स्पीकर से कहा- निलंबन का फैसला मेरा था, न कि आपका। आपने तो स्वीकार किया।
- कांग्रेस विधायकों ने संसदीय कार्यमंत्री की गुंडागर्दी नहीं चलेगी के नारे लगाने शुरू कर दिए।
- हंगामे के बीच 5 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बाद में इसे दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दिया गया। प्रश्नकाल नहीं हुआ।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भ्रष्टाचार छिपाने में साथ देते हैं स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अपनी गरिमा के विपरीत निर्णय लिया है। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। शिवराज सिंह द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग में दिए उत्तर में खुद लिखा- सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया। भाजपा कार्यालय में जो बैठकें और सम्मेलन होते हैं, उनके लिए करोड़ों रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए गए हैं। ये प्रजातंत्र में लूट और भ्रष्टाचार है। भ्रष्टाचार छिपाने का काम सरकार करती है, अध्यक्ष साथ देते हैं। चोरी सरकार करे, माफी जीतू पटवारी और कांग्रेस के लोग क्यों मांगें।
कमलनाथ बोले- पहले से तय था जीतू का निलंबन
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी पर हुए एक्शन पर कमलनाथ ने कहा- मप्र की विधानसभा का बहुत दुखद दिन है। विधानसभा और लोकसभा का मुझे सालों का अनुभव है, पक्ष हो या विपक्ष। विपक्ष के सवालों का सरकार जवाब देती है। हमारे साथी जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कई मुद्दे उठाए। कई ऐसे मुद्दे थे, जिसका जवाब विधानसभा में दिया गया। जीतू ने कहा- बीजेपी कार्यालय में सरकारी पैसे से खाना खिलाया गया। ये जीतू पटवारी ने नहीं कहा, ये तो प्रश्न के जवाब में उत्तर मिला है।
कमलनाथ ने आगे कहा, पटवारी ने कर्ज की बात उठाई। लगभग 4 लाख करोड़ का कर्ज लिया गया। 75 करोड़ रुपए प्रतिदिन का ब्याज लग रहा है। ये 24 हजार करोड़ रुपए प्रति साल का ब्याज है। रिजर्व बैंक ने नोटिस देकर संपत्ति की नीलामी की। हमारा सवाल है कि ये कर्ज क्यों लिया जा रहा है? बडे़-बडे़ ठेके दें, इन ठेकों में एडवांस दें और उससे अपना कमीशन लें। हमारे साथी जीतू पटवारी ने हवाई जहाज पर हुए खर्च का सवाल उठाया। इन पर जवाब देने के बजाय जीतू पटवारी पर जो कार्रवाई हुई, वो पहले से तय थी। इन्होंने पहले से तय कर रखा था कि हम सत्र नहीं चलने देंगे।
कमलनाथ ने कहा, हमारे अध्यक्ष (गिरीश गौतम) जो निष्पक्ष होने चाहिए, उन्होंने जीतू पटवारी का निलंबन किया। इसका मतलब ये हमारी आवाज रोकना चाहते हैं। हमें बोलने नहीं देना चाहते। ये नहीं चाहते कि इनकी बातों का खुलासा हो। ये संविधान और हमारे प्रजातंत्र के लिए बहुत दुखद दिन है। निलंबन कोई मुद्दा नहीं है। आवाज रोकना, ये मुद्दा है।
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