तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई के सात फर्जी वीडियो बनाए गए, चार आरोपी सामने आए, एक पकड़ा, एक बीजेपी से जुड़ा है...

नई दिल्ली। तमिलनाडु में बिहार के रहने वाले मजदूरों की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ था। जांच में सामने आया कि मारपीट के कुल सात वीडियो फेक थे और उन्हें बनाने में एक बीजेपी से जुड़े युवक की भूमिका रही। चार लोगों के न सामने आए हैं। बीजेपी से जुड़े व्यक्ति का नाम मनीष कश्यप बताया जा रहा है, जिसने बाकायदा शूटिंग करवाई। नकली घाव भी दिखाए गए। 
इस वीडियो को लेकर बिहार में सियासत गर्म हो गई थी. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विधानसभा में ये मुद्दा उठाया था तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से बात की थी. बाद में तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने वायरल वीडियो को फेक बताया था।

अब इसे लेकर बिहार पुलिस एक्शन में आ गई है. बिहार पुलिस ने तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले के दावे के साथ सोशल मीडिया पर ये वीडियो पोस्ट करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बिहार पुलिस ने जमुई से एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर ये वीडियो पोस्ट करने के आरोप में पकड़ा है।

बिहार पुलिस ने इसे लेकर बयान जारी किया है. बिहार पुलिस की ओर से ये बताया गया है कि आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस मामले में जो चार लोग चिह्नित किए गए थे, उनके नाम अमन कुमार, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप हैं. अमन कुमार जमुई जिले के लक्ष्मीपुर का निवासी है।

बालमुरुगन की अध्यक्षता वाली टीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तमिलनाडु में प्रवासियों की पिटाई के वीडियो फर्जी थे. कुल सात ऐसे फर्जी वीडियो थे जो सोशल मीडिया पर जारी किए गए थे।

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