महिला क्रिकेटर...हम किसी से कम नहीं..

संजय सक्सेना
महिलाओं ने एक कदम और आगे बढ़ाया। देश में अब आईपीएल की तर्ज पर डब्ल्यूपीएल विमिंस प्रीमियर लीग का आयोजन भी शुरू हो रहा है। डब्ल्यूपीएल के लिए सोमवार को मुंबई में हुई खिलाडिय़ों की नीलामी में जिस तरह का जोश दिखा, उसे भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। हालांकि अभी आईपीएल की तरह यहां बहुत ऊंची बोलियां नहीं लगीं, लेकिन कम से कम शुरुआत तो हुई।
महिला क्रिकेटरों की बोली में भारतीय बैटिंग की मजबूत स्तंभ स्मृति मंधाना को सर्वाधिक 3.4 करोड़ रुपये कीमत मिली तो सबसे महंगी विदेशी खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की ऑलराउंडर एश्ले गार्डनर रहीं। उन्हें 3.2 करोड़ रुपये में गुजरात जायंट्स ने खरीदा। इस लिहाज से भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए मुंबई इंडियंस की ओर से लगाई गई बोली (1.8 करोड़ रुपये) जरूर अपेक्षा से कम है। ऐसी लीग में अक्सर कुछ बेहतर खिलाडिय़ों के लिए बोली नहीं लगती। ऐसा इस नीलामी में भी हुआ। टीमों की रणनीति, प्राथमिकता, खिलाडिय़ों को खरीदने का बजट नीलामी को प्रभावित करते हैं। ज्यादा बड़ी बात यह है कि खिलाडिय़ों की नीलामी के साथ ही डब्ल्यूपीएल ने एक महत्वपूर्ण चरण पूरा कर लिया। इसे लेकर न सिर्फ खिलाडिय़ों में बल्कि क्रिकेट जगत से सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से जुड़े तमाम लोगों में उत्सुकता बनी हुई है।
अगर आईपीएल के मुकाबले में देखा जाए तो यह हर तरह से कम नजर आती है। सबसे महंगे खिलाड़ी की बात करें तो आईपीएल में इस साल टॉप पर रहे इंग्लैंड के सैम कुरेन 18.5 करोड़ रुपये में बिके जिसके आगे मंधाना को मिली रकम कुछ नहीं लगती। हो भी क्यों ना! डब्ल्यूपीएल में हर टीम को मिला बजट मात्र 12 करोड़ रुपये है, जबकि आईपीएल में हर टीम को 95 करोड़ रुपये मिलते हैं। डब्ल्यूपीएल में मात्र 5 टीमें रखी गई हैं जबकि आईपीएल में दस टीमें खेलती हैं। मगर भूलना नहीं चाहिए कि आईपीएल का 16 वर्षों का इतिहास है, उथल-पुथल भरी एक लंबी यात्रा है। यह दर्शकों की मौजूदगी के मामले में दुनिया में पहले नंबर की क्रिकेट लीग है और यह कोई आज की बात नहीं। 2014 में ही औसत उपस्थिति के मामले में इसने दुनिया की सभी स्पोर्ट्स लीग में छठा स्थान हासिल कर लिया था।
इस लीग ने क्रिकेट को जिस स्तर पर पहुंचाया, क्रिकेटरों को जिस तरह का मंच दिया, वह कुछ समय पहले तक अकल्पनीय था। छोटे शहरों और कस्बों के खिलाडिय़ों के लिए अचानक उम्मीदों का आसमान खुलता दिखाई देने लगा। ये सारी बातें न केवल डब्ल्यूपीएल के भविष्य को लेकर आशान्वित करती हैं बल्कि महिला क्रिकेट के आगामी चमकदार दौर की उम्मीद बढ़ाती हैं। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे देश की खिलाडिय़ों ने कठिन चुनौतियों से गुजरते हुए महिला क्रिकेट को यहां तक पहुंचाया है। उनकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ था इसका डब्ल्यूपीएल के हाथों में पहुंचना।
अब डब्ल्यूपीएल की शुरुआत के रूप में इसका नया चरण प्रारंभ हो रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह दौर महिला क्रिकेट को न केवल तमाम जरूरी संसाधनों से लैस करेगा बल्कि देश की उभरती प्रतिभाओं में नया उत्साह भरते हुए उनके सामने क्रिकेट को एक आकर्षक और भरोसेमंद करियर के रूप में स्थापित करेगा। महिलाओं के लिए बराबरी का एक और बहुत बड़ा मौका है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश की महिलाएं क्रिकेट में भी आगे बढ़ेंगी, यह विश्वास कर सकते हैं। वैसे भी हमारे देश की महिला क्रिकेट टीम जिस तरह खेल रही है, उससे हम कह सकते हैं कि ये बढ़ते कदम तमाम अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित करेंगे और हमें नए-नए महिला क्रिकेट सितारे मिलेंगे। छोटी-छोटी जगह से महिला क्रिकेटर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में स्थान बनाएंगी, सभी फार्मेट में आगे जाएंगी। देश का नाम रोशन करेंगी। 


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