बागेश्वर धाम सरकार के नाम से प्रसिद्धि पा रहे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर उपजे विवाद पर लगातार सियासत जारी है। नेता-प्रतिपक्ष तक सवाल उठा चुके हैं। अब मामले में भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि जो लोग सवाल कर रहे है उनकी सनातन धर्म के प्रति अनास्था है इसलिए ऐसे प्रशन उठा रहे हैं।
दरगाह पर कोई नहीं उठाता सवाल- विजयवर्गीय
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सांसद खेल महोत्सव के लिए बुरहानपुर पहु्ंचे थे। उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में कई मामलों पर बात की। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री विवाद में उनका कहना है कि मैंने उनका इंटरव्यू देखा है। उन्होंने कहा है कि मैं चमत्कार नहीं करता हूं। मुझे मेरे ईष्ट पर विश्वास है और मैं उन ईष्ट का नाम लेता हूं और लोगों की समस्या का हल होता है। विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसा सिर्फ धीरेंद्र शास्त्री महाराजतो कर नहीं रहे। जावरा की हुसैन टेकरी पर भी लोग जाते हैं। वहां लोग नाचते कूदते हैं और ठीक होकर आते हैं। इसको लेकर को कभी किसी ने सवाल किया नहीं। धीरेंद्र जी के बारे जो लोग सवाल कर रहे हैं उनकी सनातन धर्म के प्रति अनास्था है इसलिए ऐसे प्रश्न उठा रहे हैं।
बीजेपी ने विकास किया था विकास किया है और विकास करेंगी
कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को प्रदेश के 19 नगरीय निकाय चुनाव के बारे में कहा है कि भाजपा जीतेगी। बीजेपी ने विकास किया था विकास किया है और विकास करेंगी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कमलनाथ के तोप वाले बयान पर भी विजयवर्गीय ने कहा कि तोप नहीं हैं तो क्या हैं, वो बता दें। कुछ तो हैं, तभी कमलनाथ कुर्सी से सड़क पर आ गए। पूर्व सीएम उमाभारती ते चंबल में रेत खनन को लेकर किए ट्वीट पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा हि कोई भी गलत काम करें सरकार को उसके खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए और सरकार कार्रवाई कर रही है।
लगातार बढ़ता जा रहा विवाद
गौरतलब है कि बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित है. इससे जुड़ा विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बीते दिनों महाराष्ट्र के नागपुर से कथा छोड़कर आने पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि गुरु जी के जन्मदिन के कारण सभी जगहों की कथा से 2-2 दिन कम कर दिए गए थे. इसीलिए नागपुर की कथा से भी दो दिन कम किए गए.
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने दी चुनौती
बागेश्वरधाम सरकार पर महाराष्ट्र की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने जादू-टोना करने का आरोप लगाते हुए उन्हें चुनौती दी थी. दावा है कि इसके बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री रामकथा बीच में ही छोड़कर नागपुर से चले गए. छतरपुर के बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि वह नागपुर में पिछले सात दिन तक लगातार कथा करते रहे. इस बीच दो दिन दिव्य दरबार भी लगाया, तब किसी ने कोई चुनौती नहीं दी. लेकिन जैसे ही वह कथा से वापस लौटे तो सनातन धर्म विरोधियों ने यह दुष्प्रचार किया है.
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