जांच के दायरे में हिंडनबर्ग आ सकता है और इस तरह सेबी अदानी की मदद कर सकता है। लेकिन इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं आ रहा कि अदानी ग्रुप की कुल संपत्ति और कर्ज में मात्र दस हजार करोड़ का ही अंतर क्यों है। यानि कर्ज बहुत ज्यादा है। साफ है सरकार और बैंकों की लीक और नियमों से हट कर मदद से अदानी ने झूठ की इमारत खड़ी की।
सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों पर काफी दबाव रहा। इस जांच से बाजार को गिराने में शॉर्ट सेलर्स की भूमिका का पता चलेगा। सेबी डिस्कशन पेपर के अनुसार शॉर्ट सेलिंग ऐसा ट्रेड है, जिसमें उस सिक्युरिटी की बिक्री होती है, तो ट्रेडर के पास है ही नहीं। बाजार में लंबे समय से शॉर्ट सेलिंग चली आ रही है। दुनियाभर के सिक्युरिटीज मार्केट्स में यह काफी बहस का विषय भी रही है।
शॉर्ट सेलिंग के समर्थक इसे सिक्युरिटीज मार्केट का एक जरूरी फीचर मानते हैं। दूसरी ओर आलोचकों का मानना है कि शॉर्ट सेलिंग, डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट तरीके से जोखिम पैदा करता है और बाजार को आसानी से अस्थिर कर सकता है। वहीं, एक कुशल वायदा बाजार में हाजिर कीमत और अंडरलाइंग एसेट की फ्यूचर प्राइस के बीच संबंध कैश एंड कैरी और रिवर्स कैश एंड कैरी आर्बिट्रेज द्वारा कंट्रोल होता है।
शॉर्ट सेलिंग के समर्थक इसे सिक्युरिटीज मार्केट का एक जरूरी फीचर मानते हैं। दूसरी ओर आलोचकों का मानना है कि शॉर्ट सेलिंग, डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट तरीके से जोखिम पैदा करता है और बाजार को आसानी से अस्थिर कर सकता है। वहीं, एक कुशल वायदा बाजार में हाजिर कीमत और अंडरलाइंग एसेट की फ्यूचर प्राइस के बीच संबंध कैश एंड कैरी और रिवर्स कैश एंड कैरी आर्बिट्रेज द्वारा कंट्रोल होता है।
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