भोपाल। मध्य प्रदेश में हर साल होने वाली आईएएस सर्विस मीट कोविड के कारण दो साल बाद हुई, लेकिन इसमें इस बार प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस की अनुपस्थिति पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
सेवानिवृत्ति के बाद संविदा पर नियुक्त बैंस अचानक सर्विस मीट के पहले ही छुट्टी पर चले गए। इसके चलते मंत्रालय के गलियारों में चर्चा शुरू हो गई।
कहा तो ये का रहा है कि साहब को जरुरी काम था, इसलिए इसमें शामिल नहीं हुए, पर चर्चा ये भी है कि कहीं उन्होंने सर्विस मीट से दूरी बनाने के लिए छूटटी तो नहीं ली। हालांकि ये तो सिर्फ बड़े साहब बता सकते हैं, की सच क्या है? हां, प्रतियोगिता के दौरान सीनियर और जूनियर अफसरों में बड़े साहब की गैर मौजूदगी चर्चा में जरूर है। जो अधिकारी बड़े साहब को अपना चेहरा दिखा कर नजदीकी बढ़ाने की सोच कर आए थे, उन्हें थोड़ी निराशा हुई, वहीं कई अफसरों के चेहरे खिले हुए दिख रहे थे, क्योंकि वे उन्हें अपना चेहरा ही नहीं दिखाना चाहते थे। यार ना ही उनके बिना एक्सप्रेशन वाले चेहरे को देखना चाह रहे थे। उनकी मुराद पूरी हो गई।
फिर भी, कहा जा रहा है कि अंदर ही अंदर कुछ पक रहा है। प्रशासन में सब कुछ ठीक नहीं है। मुख्य सचिव का अपना एक खेमा बन चुका है। जो इसमें नहीं हैं, उनमें से अधिकांश हाशिए पर हैं। हाजिरी देने वाले या उनके खास लोगों से संपर्क रखने वाले अधिकारी ही मुख्य धारा में रह सकते हैं। सीनियर अफसरों की एक दिक्कत ये है कि सीएस सीधे बात तक नहीं करते। उनके नेटवर्क में शामिल होना आसान नहीं। यही नहीं, उन्हें खुश करना या खुश रखना बहुत मुश्किल काम है। कब किसकी सीआर बिगाड़ दी जाए, ये चिंता बनी रहती है।
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