उन्होंने ज़ोर देकर ज़िक्र किया, "20 साल के बाद, हमारे पास एक ऐसे सेक्टर में नई कंपनी (आकासा एयर) आई है, जिसे मार्केट में उतरी कंपनियों द्वारा धंधा बंद कर देने के लिए जाना जाता है..."
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री NDTV से उस समय बात कर रहे थे, जब भारत में रोज़ाना उड़ान भरने वालों की तादाद के रिकॉर्ड दिन-ब-दिन टूटते जा रहे हैं. 24 दिसंबर को ही देश में 43 लाख से ज़्यादा हवाई यात्रियों का रिकॉर्ड बना है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "यह (एविएशन) सेक्टर नई वृद्धि की ओर जा रहा है... ऐसी वृद्धि, जो स्थायी होगी..."
के नागरिक उड्डयन मंत्री ने वर्ष 2019 (कोविड महामारी के आने से ऐन पहले का साल) की तुलना में इस साल आई 15 फीसदी बढ़ोतरी के पीछे दो कारकों को ज़िक्र किया - एक, लोगों में घूमने की 'इच्छा', और दो, एयरलाइनों द्वारा 'फ्लीट का आकार बढ़ाना और देश में एयरपोर्टों की बढ़ती तादाद...'
उन्होंने बताया, वर्ष 2013-14 में संचालित 74 एयरपोर्टों की तुलना में यह संख्या अब 146 तक पहुंच गई है, और उम्मीद है कि अगले चार-पांच साल में यह तादाद 200 को पार कर जाएगी.
मौजूदा एयरपोर्टों पर मौजूद दबाव - दिल्ली एयरपोर्ट पर हाल ही में चेक-इन में प्रतीक्षा का समय काफी ज़्यादा था, और लम्बी-लम्बी कतारें देखी गई थीं - के बारे में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा "वृद्धि के साथ अनगिनत मांग भी पेश होती हैं..." उन्होंने दावा किया कि आने वाले 4-5 साल में छह मेट्रो शहरों के नए और पुराने एयरपोर्टों की क्षमता 19.2 करोड़ से बढ़कर 42 करोड़ प्रतिवर्ष हो जाएगी.
उन्होंने एयरपोर्टों पर भीड़ कम करने की अपनी रणनीति को दोहराया. एक, उड़ानों के शेड्यूल को ज़्यादा फैलाव दिया जाएगा, और दो, सिक्टोरिटी चेक के संदर्भ में क्षमता को बढ़ाया जाएगा.
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