भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। बीजेपी के अंदर खाने से लेकर अफसरशाही तक ने ऐलान कर दिया है कि विधानसभा चुनाव शिवराज ही कराएंगे। सो अब बीजेपी नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में जुट गई है। इसके लिए सबसे सशक्त दावेदार सीएम के करीबी भूपेंद्र सिंह है और माना जा रहा है कि दशहरा - दीपावली के बीच कभी भी भूपेंद्र सिंह की संगठन में ताजपोशी हो जाएगी।
मध्य प्रदेश की राजनीति हर रोज करवट लेती है। उठापटक का दौर नवंबर तक चलने की संभावना है। जो भी परिवर्तन होने हैं इस साल के अंत तक हो जाएंगे,फिर विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। हालांकि राजनीतिक पंडित प्रदेश में सीएम बदले जाने को बात करते रहे हैं, पर अब जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के एमपी में दौरे हुए और उनका जिस तरह का रवैया रहा, उससे एक बात साफ हो गई कि सीएम को कोई खतरा नहीं है। Tabhinto कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा जैसे नेता भी बयान देने लगते हैं कि मप्र में चुनाव शिवराज ही कराएंगे।
अभी कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय की मुलाकात के बाद चर्चाएं चलीं वो भी शांत हो गई है। असल में बीजेपी और संघ का हार्डकोर ग्रुप सिंधिया को कमान देने को तैयार नहीं। उनका प्रयास है कि सिंधिया का पूरा खेमा हो खत्म कर दिया जाए। सिंधिया को सिंगल मैन के रूप में ही वे स्वीकार करेंगे। सो इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। सूत्र बताते हैं कि संघ और बीजेपी नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष बदलने के लिए तैयार है। इसके लिए सीएम ने अपने करीबी नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है।
हालांकि भूपेंद्र सिंह सिंधिया के करीबी गोविंद राजपूत का प्रभाव कम करने में सफल नहीं हो सके, उलटे पंचायत चुनाव के बाद राजपूत और पावरफुल हो गए। फिर भी बुंदेलखंड के नाम पर भूपेंद्र सिंह को आगे लाया का रहा है। हाई कमान शिवराज की पसंद पर मुहर लगा सकता है, क्योंकि चुनाव उनके नेतृत्व में होने हैं। वैसे भूपेंद्र सिंह मंत्री पद छोड़ना नहीं चाहते लेकिन सीएम के कहने पर कुछ भी कर सकते हैं।
विंध्य को साधने के लिए सीएम ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को मंत्रि परिषद में शामिल करने की अनुशंसा की है। महाकौशल से अजय विश्नोई की वापसी हो सकती है। कुल मिलाकर सरी गोटियां शिवराज के हाथों में ही रहेंगी, ऐसा माना जा रहा है।
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