संजय सक्सेना
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में उथल पुथल का दौर जारी है। कहनी सीएम शिवराज के विकल्प की चर्चा चलती है तो कभी प्रदेश अध्यक्ष बदलने की हवाएं चलने लगती हैं। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल जनवरी तक बताया जा रहा है, लेकिन चूंकि अगले साल चुनाव होने हैं इसलिए कहा जा रहा है कि यदि अध्यक्ष बदलना है तो अभी बदल देना चाहिए ताकि उसे चुनाव के लिए समय मिल जाए। इसी कड़ी में विंध्य से राजेन्द्र शुक्ल के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि सीएम शिवराज शुक्ल को मंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन विंध्य में बीजेपी के बिगड़ते हालात को देखते हुए यहां से पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की बात को जा रही है। बीजेपी सूत्र बताते हैं कि वीडी शर्मा का जाना तय हो गया है। चूंकि सीएम ओबीसी हैं इसलिए अध्यक्ष सामान्य रखने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि संघ के एक बड़े पदाधिकारी का हाथ वीडी शर्मा के सर पर है, लेकिन शर्मा पूरी तरह फ्लॉप सवित हो चुके हैं और विवादों में भी आ गए हैं। हाल ही में एक ओबीसी नेता के बयान को उन्होंने भी हवा दी और उसे ब्राह्मण बनाम ओबीसी बना दिया। इससे बीजेपी को नुकसान होने की आशंका है। सो वीडी को हटाए जाने की हलचल शुरू हो गई है। संघ की तरफ से भी इसके लिए चर्चा की का रही है। सीएम की पसंद होने के कारण राजेन्द्र शुक्ल पर बात तो हो रही है, लेकिन वे रीवा से हैं और यही से स्पीकर गिरीश गौतम भी आते हैं। ये दिक्कत थोड़ी सी आ रही है। नेताओ का कहना है कि विंध्य से ही अध्यक्ष बनाना है तो रीवा के अलावा कहीं और से बनाया जा सकता है। राजेन्द्र शुक्ल वैसे भी अध्यक्ष की भूमिका में सफल होने वाले नहीं हैं क्योंकि उनकी मिलने जुलने की शैली ठीक नहीं। मंत्री रहते भी वे लोगो से ज्यादा मिलते नहीं थे। फिर हाल में हुए निकाय और पंचायत चुनाव में भी रीवा में बीजेपी को बहुत नुकसान हुआ है। स्पीकर और शुक्ल दोनों ही फ्लॉप हो गए। यही कारण है कि उनके मंत्री बनते जाने का भी विरोध हो रहा है
बीजेपी का एक खेमा ये भी चाह रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय को संगठन की कमान सौंपी जाए। इससे मालवा निमाड़ का बड़ा हिस्सा कवर होगा और कैलाश विजयवर्गीय एक अच्छे संगठक भी हैं। इसका फायदा भी पार्टी को मिलेगा। पर अंदरखाने की बात करे तो कैलाश भैया इसके लिए तैयार नहीं। वेे सीएम की कुर्सी पर नजर रखे हुए हैं। इसके लिए उन्हें मौका नहीं दिया जा रहा है।
सूत्र बताते है कि वीडी की जगह ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम पर भी चर्चा हो सकती है। लेकिन वो मंत्री पद नहीं छोड़ना चाहते है। उनका मानना है कि शिवराज के सीएम रहते अध्यक्ष की स्थिति दयनीय ही रहेगी। पूरे संगठन पर उनका ही दबदबा है। हां सीएम की कुर्सी की बात हो तो वे तैयार हैं। फिलहाल संघ विंध्य और महाकौशल को लेकर चिंता में है, पर बीजेपी महाकौशल को उपेक्षित करके रखा हुआ है। बीच बीच में चर्चाएं जरूर चलती हैं पर किसी का कुछ हुआ नहीं।
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