माडल स्कूल में मामा की पाठशाला
तिरंगा राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक: चौहान
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार सुबह मॉडल स्कूल में बच्चों की क्लास ली। इस दौरान बच्चों को उन्होंने तिरंगा के इतिहास के संबंध में जानकारी दी। इस दौरान सीएम स्टूडेंट्स से राष्ट्रीय ध्वज की विकास गाथा, महत्व और ध्वज फहराने की सावधानियों के विषय में संवाद किया। शिवराज तिरंगे की कहानी रोचक और सरल भाषा में सुनाई। हर घर तिरंगा फहराने के उद्देश्य भी बताए। स्कूल की क्लास में बच्चों को बताया जाएगा कि तिरंगा झंडा राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है और भारत का गौरव है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने स्कूली बच्चों से बोले- अपने खून पसीने की कमाई से ध्वज को फहराएंगे। यह हमारे राष्ट्रीय सम्मान का प्रतीक है, किसी से लेना या मांगने की जरूरत नहीं है। बच्चों अपने माता-पिता से कहना कि हम अपनी कमाई से राष्ट्र ध्वज लेकर लहराएंगे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि तक्षशिला जैसे विद्यालय रहे जहां पर विदेश से लोग आते थे। भारत के ग्रंथ दुनिया के कई देशों में गए। हम राज्यों में उस समय अलग-अलग बंटे थे लेकिन सांस्कृतिक रूप से हम एक थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ का उदय हुआ, लेकिन भारत में लाखों साल पहले कह दिया था यह मेरा है यह तेरा यह छोटे दिल वालों का होता है। विशाल हृदय वाले कहते हैं यह सारी दुनिया एक अपना देश है। जहां हमने कहा प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो। हजारों साल पहले ऋषि-मुनियों ने गाया सर्वे संतु सुखिन सर्वे भवंतु
बताया तिरंगेे का रोचक इतिहास
सीएम शिवराज ने कहा कि आजादी का 75वां वर्ष है। हमारे प्रधानमंत्री गौरवशाली राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं। स्वामी विवेकानंद ऐसे योद्धा संत थे जिन्होंने विश्व में ज्ञान का दीप जलाया। वंदे मातरम शुरू से ही आजादी का मंत्र था। 1917 में होमरूल आंदोलन में नया झंडा बना, तब ब्रिटिश शासन था। इसके बाद 1921 में नया अध्याय युग आया है महात्मा गांधी का। उन्होंने चरखा के साथ ध्वज बनाया। जुलाई 1947 को बना हमारा प्यारा तिरंगा।
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