भारत के विरोध की वजह से श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह नहीं आ सका चीन का स्पाई शिप अब न सिर्फ वहां जाएगा, बल्कि पूरे 6 दिन वहां डेरा डालेगा। युआन वांग-5 नाम के इस शिप से भारतीय नौसेना और इसरो की जासूसी का खतरा बढ़ गया है।
चीन का यह स्पाई शिप करीब 750 किमी दूर तक आसानी से निगरानी कर सकता है। हंबनटोटा पोर्ट से तमिलनाडु के कन्याकुमारी की दूरी करीब 451 किलोमीटर है। जासूसी के खतरे को देखते हुए ही भारत ने श्रीलंका से इस शिप को हंबनटोटा में एंट्री न देने को कहा था।
16 से 22 अगस्त तक जहाज को बुलाने की मंजूरी
श्रीलंका के बंदरगाह मास्टर निर्मल पी सिल्वा का कहना है कि उन्हें 16 से 22 अगस्त तक हंबनटोटा में जहाज को बुलाने के लिए विदेश मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार ने यात्रा के लिए नए सिरे से अनुमति दी थी, ये उस समय की बात है जब श्रीलंका में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर थे। जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए।
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