प्राथमिक जानकारी मिल रही है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए 1086 पद आरक्षित किए गए थे जिनमें से 755 पदों पर चयन किया गया है। 755 में से लगभग 450 (या फिर 400 से अधिक) उम्मीदवार अकेले मुरैना जिले की हैं। इन सभी उम्मीदवारों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र या तो मुरैना से जारी हुए हैं या फिर हजीरा ग्वालियर से जारी हुए हैं। मुरैना के सिविल सर्जन डॉ विनोद गुप्ता ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उनके पास बहुत सारे लोग मेडिकल सर्टिफिकेट लेने आ रहे हैं और वह खुद को श्रवण बाधित दिव्यांग घोषित कर रहे हैं।
मीडिया ट्रायल के दौरान प्रमाणित हो गया है कि दिव्यांग प्रमाण पत्र के बहाने एक बड़ा घोटाला किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं इसमें कोई शक नहीं लेकिन इसके पीछे के मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है।
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