मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ अपने चुनावी घोषणापत्र को लेकर सवाल उठा रहे हैं। दोनों एक दूसरे से वादों से मुकर जाने को लेकर आरोप लगा रहे हैं। दोनों के खुलासों ने राजनीतिक दलों की घोषणाओं की सच्चाई को जनता के सामने लगा दिया हैं। दोनों नेता लगातार सवाल पूछ रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि भाजपा और कांग्रेस के चुनाव से पहले किए वादे अधूरे रह गए। राज्य में पहली बार हुआ है कि पांच सालों में दोनों ही राजनीतिक दलों ने सरकार बनाई हैं। शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ दोनों ही एक दूसरे से लगातार सवाल पूछ रहे है। इससे साफ है कि दोनों ही दलों ने 2018 के सत्ता में आने से पहले किए वादे अधूरे रह गए।
श्रमिक महिलाओं के लिए रैन बसेरे क्यों नहीं खोले
अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि कमलनाथ जी से सिर्फ इतना ही कहता हूं कि झूठी घोषणाएं न करें। फिर से जनता को न भ्रमायें। आपने पुराने वचन नहीं निभायें। आपने कहा था मध्य प्रदेश की श्रमिक महिलाओं के लिए रैन बसेरे खोले जाएंगे। सवा साल में एक भी नहीं खोला।
झूठे वादें के लिए माताओं-बहनों से माफी मांगेंगे
वहीं, पूर्व सीएम और पीसीसी प्रमुख कमलनाथ ने सीएम को जवाब देते हुए कहा कि मुख्यजमंत्री जी, अभिमान बहुत बुरी चीज हैं। जनता को दुख देना भी बहुत बुरी बात हैं। रात दिन झूठ बोलते रहने से ज्यादा पाप की बात क्या हो सकती हैं? आपने अपने दृष्टि पत्र में वादा किया था सूचना प्रौद्योगिकी से महिला सशक्तिकरण मिशन का सृजन करेंगे और इसके अंतर्गत 20 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगे। क्या आपने इस झूठे वादे के लिए आप मध्य प्रदेश की माताओं बहनों से माफी मांगेंगे।
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