कूल कमलनाथ... हाथ से जोड़ते हाथ!

संजय सक्सेना 
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ करीब डेढ़ साल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और अब उनका एकमात्र लक्ष्य मध्यप्रदेश की सत्ता पर फिर से कांग्रेस को काबिज करने का है। सो वे पूरे प्राणपण से इसकी प्राप्ति के लिए जुट गए हैं। अर्जुन की भांति उन्हें मछली की एक आंख ही दिख रही है। लेकिन उनकी कार्यशैली और उनके हावभाव में भी काफी बदलाव आया है। कह सकते हैं कि वह कूल कमलनाथ बन चुके हैं। 
बहुत दिनों बाद कमलनाथ अपने निवास पर पत्रकारों और मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए। यूं तो लगभग रोज ही मीडियावालों से बातचीत होती रहती है। पर ये मिलन समारोह कुछ अलग ही था। हालांकि यहां भी मीडियावालों और पत्रकारों ने अपना रंग दिखा दिया और आफ द रिकार्ड वाली चर्चा को भी आम कर दिया, जिस पर कांग्रेस को खंडन जारी करना पड़ा। 
इस मिलन समारोह की बात करें तो इसका प्रमुख उद्देश्य कमलनाथ की पत्रकारों से न मिलने की छवि को बदलना भी रहा होगा। वे सामान्य तौर पर ऐसी मुलाकातें नहीं करते। सो वहां मौजूद लोगों को लगा कि कमलनाथ आएंगे और हाथ हिला कर घूमेंगे और चले जाएंगे। या कुछ लोगों से ही चर्चा करेंगे। ऐसा नहीं हुआ। कमलनाथ हर टेबल पर पहुंचे और खुलकर चर्चा की। 
अडाणी से लेकर हनी ट्रैप तक। शिवराज सिंह चौहान से मित्रता से लेकर कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के होल्ड होने की घटना तक। सिंहस्थ से लेकर व्यापमं के मुद्दे तक। सवाल-जवाब हुए। उत्तेजित करने वाले सवाल भी पूछे गए। कमलनाथ के चेहरे पर न तो तनाव दिखा और न ही वह उत्तेजित हुए। आराम से जवाब देते रहे। एक खास बात जरूर दिखाई दी। वो यह कि वे मध्यप्रदेश के आगामी चुनाव को लेकर बहुत उत्साहित हैं। लोगों से मिलने की बात कहते हैं। उनका कहना है- वो लोगों से मिल रहे हैं। आम लोगों से भी। सामाजिक संगठनों के लोगों से बात कर रहे हैं। राहुल गांधी की यात्रा के दौरान भी काफी लोगों से चर्चा हुई। माहौल बदला है। सरकार भी बदलेगी। इस सरकार से लोग खुश नहीं हैं। टिकट वितरण को लेकर कहते हैं, वो जीतने वालों की तलाश में हैं। खेमेबाजी को नकारते हैं। सबको साथ लेकर ही चल रहे हैं। एक जिला अध्यक्ष के मुद्दे पर कहते हैं, वहां के नेता का ही तो आदमी है। अब उनके लोग विरोध कर रहे हैं, वो क्या कर सकते हैं। फिर भी, मामला शांत हो जाएगा। उनके लिए कोई दूसरा नहीं है। कहते हैं, उनका टार्गेट प्रदेश को सही विकास देना होगा। लोगों को नौकरी मिले। काम मिलें। सही मायने में उद्योग आएं। कारोबार बढ़े। संपूर्ण विकास का खाका लेकर पिछली बार भी चले थे, पूरा नहीं होने दिया गया। अब फिर प्रयास कर रहे हैं। 
कूल कमलनाथ सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर खासे आक्रामक हैं। रोज नए आरोप लगाते हैं। मुख्यमंत्री सवाल करते हैं तो जवाब देने के साथ एक नया सवाल और दाग देते हैं। नई ऊर्जा के साथ मीडिया से बात करते हैं, जनता को उम्मीद बंधाते हैं, कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हैं। और दावा भी करते हैं कि कांग्रेस में सब साथ हैं। सरकार बनाएंगे। वैसे आज की तारीख में प्रदेश के हालात कह रहे हैं कि वर्तमान सत्ताधारी दल हार रहा है। वही आएगा, जो जनता के बीच जाएगा और अपने होने का अहसास कराएगा। 

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