धार जिले के धरमपुरी में बांध से पानी के रिसाव ने भोपाल से दिल्ली तक सबको हिलाकर रखा है। स्थानीय प्रशासन व सेना बचाव कार्य में लगे हैं। लगभग 20 हजार लोग बेघर पड़े हुए हैं

धार के इस बांध का ठेका ई टेंडर घोटाले की निशानी है। यह बात सरकार ने विधानसभा में स्वीकार की है। आज मैं जल संसाधन विभाग पर सीधे सीधे कुछ लिख रहा हूं। आप पढ़िये। इस संबंध में आपको जो भी सबूत व दस्तावेज चाहिए मुझसे संपर्क कीजिए। कानून के जानकार इसमें मेरी क्या मदद कर सकते हैं। यह भी बताइये 

*मप्र जल संसाधन विभाग की सच्चाई - एक*

*क्या यह सच नहीं है कि* रिटायर आईएएस श्री राधेश्याम जुलानिया के कार्यकाल में मेक्स मेंटाना हैदराबाद को जल संसाधन विभाग के करोड़ों के ठेके मिले थे?

*क्या यह सच नहीं है कि* मेक्स मेंटाना ने भोपाल के आदित्य त्रिपाठी की फर्म अर्नी इन्फ्रा को 93 करोड़ के काम सबलेट किये थे। यानि मेंटाना ने अर्नी को 93 करोड़ रूपये भेजे।

*क्या यह सच नहीं है कि* मप्र में कमलनाथ सरकार बनते ही श्री जुलानिया के दिल्ली (प्रतिनियुक्ति पर) जाने से पहले यानि 17 दिसम्बर 2018 को अर्नी इन्फ्रा के खाते से 52 लाख रुपए निकाले गये। इस रकम को एक ही दिन में चार अलग अलग खातों में घुमाकर उसी दिन 49.50 लाख रुपए श्री राधेश्याम जुलानिया के खाते में ट्रांसफर किये गये?

*क्या यह सही नहीं है कि* इस रकम से 4 दिन बाद यानि 21 दिसम्बर 2018 को श्री राधेश्याम जुलानिया ने 49 लाख रुपए में भोपाल के टाइगर मूवमेंट क्षेत्र में निर्माणाधीन काॅलोनी व्हीसप्रिंग पाॅल्मस में लगभग 10 हजार वर्गफीट का प्लाॅट खरीदा।

*यह यह सही नहीं है कि* जनवरी 2021 में प्रवर्तन निर्देशालय की टीम ने राजू मेंटाना और आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने तब प्रेसनोट जारी कर कहा था कि आदित्य त्रिपाठी को मेंटाना जो रकम मिलती थी, वह उसे नगदी में बदलकर ई टेंडर में टेम्परिंग के लिए मप्र के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत बांटने का काम करता है।
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मेरे पास यह सारे प्रमाण व तथ्य मौजूद हैं।
 
- *रवीन्द्र जैन*

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