Mahakal mandir: जांच कमेटी की रिपोर्ट आई, केमिकल वाले गुलाल से भभकी थी आग, कलेक्टर ने मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को हटाया

उज्जैन। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग केमिकल वाले गुलाल से ही भभकी थी। जांच कमेटी को सीसीटीवी फुटेज से इसके सबूत मिले हैं। कमेटी ने गुरुवार को प्राथमिक जांच रिपोर्ट जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को सौंपी है।इसके बाद देर रात कलेक्टर ने मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को हटा दिया है।

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फिलहाल, जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा को महाकाल मंदिर के प्रशासक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। कलेक्टर सिंह ने कहा, ‘फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है। गुलाल की जांच भी जारी है। लैब रिपोर्ट आने के बाद ही कह पाएंगे कि उसमें केमिकल था या नहीं?’

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में होली के मौके पर 25 मार्च की सुबह भस्म आरती के दौरान आग भभक गई थी। इसमें पंडे-पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए थे। कलेक्टर सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। जांच की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर मृणाल मीणा और एडीएम अनुकूल जैन को सौंपी थी। कमेटी से 28 मार्च तक रिपोर्ट मांगी गई थी।

20 लोगों के बयान लिए, सीसीटीवी भी खंगाले

दो सदस्यीय जांच कमेटी ने हादसे के दौरान गर्भगृह में मौजूद रहे पंडे-पुजारी और श्रद्धालुओं के बयान लिए। सीसीटीवी फुटेज भी देखे। फुटेज में दिखा कि 25 मार्च को भस्म आरती के दौरान पंडे-पुजारी, मंदिर प्रतिनिधि, सेवक और श्रद्धालु हाथ और प्रतिबंधित प्रेशर पंप से गुलाल उड़ा रहे थे। ये सीधे गर्भगृह के द्वार और नंदी हाल तक पहुंच रहे थे।इसी गुलाल की कुछ मात्रा आरती के दीपक पर गिरी, जिससे आग भड़क गई।

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है कि  ‘जांच टीम की प्राथमिक रिपोर्ट में आग लगने का कारण गुलाल का आरती की थाली में गिरना बताया गया है। नियमों के खिलाफ गुलाल बाहर से लाने की भीबात कही गई है। समिति ने माना है कि मंदिर प्रोटोकॉल और होली के नियम का उल्लंघन किया गया है।’

कलेक्टर ने कहा, ‘गर्भगृह में 4 से 5 किलो हर्बल गुलाल ले जाना तय था। इसके बावजूद कई क्विंटल गुलाल मंदिर में पहुंचा। इस लापरवाही के चलते अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल, ऐसे 5 लोग चिह्नित किए गए हैं। सुरक्षा एजेंसी क्रिस्टल कंपनी को नोटिस दिया जाएगा। इस मामले में दो तरह से कार्रवाई होगी। पहली कलेक्टर स्तर पर और दूसरी शासन स्तर पर। घायल पुजारियों और अन्य लोगों के बयान लिया जाना बाकी है, इसलिए अभी फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है।’

मंदिर की व्यवस्था में होंगे कई बदलाव

कलेक्टर ने कहा, ‘मंदिर में कई बदलाव किए जाएंगे, जिसमें दर्शन व्यवस्था मुख्य है। गर्भगृह में आरती-पूजन के दौरान लोगों की संख्या निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। पुजारियों के सेवकों की संख्या भी सीमित की जाएगी। भस्म आरती में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटाई जाएगी ताकि आपात स्थिति बनने पर भगदड़ न हो। मंदिर समिति द्वारा तय प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाले सभी लोगों पर आगे कार्रवाई प्रस्तावित है।’

टीम करेगी देश के 4 मंदिरों का दौरा

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं आगे न हों, इसके लिए एक प्रशासनिक टीम देश के 4 बड़े मंदिरों का दौरा करेगी। इसमें डिप्टी कलेक्टर और महाकाल मंदिर के कुछ अधिकारी शामिल होंगे। ये टीम सोमनाथ, शिर्डी, काशी विश्वनाथ और तिरुपति बालाजी मंदिर जाएगी। वहां की पूजन-दर्शन व्यवस्था को समझेगी। जानकारी लेगी कि पर्व के दौरान इन मंदिरों में क्या व्यवस्था रहती है?

जांच समिति की प्रमुख अनुशंसाएं
• मंदिर में आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
• आवश्यक उपकरण और मानव संसाधन समेत सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे।
• श्रद्धालुओं के लिए पास सिस्टम डेवलप किया
जाएगा।
• भस्म आरती के अतिरिक्त चलित भस्म आरती की व्यवस्था भी की जाएगी।
• मंदिर के अंदर मोबाइल, ज्वलनशील और अन्य हानिकारक सामग्री ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
• मंदिर में आपातकालीन मार्ग निर्धारित किया जाएगा।
• रंग पंचमी पर्व पर मंदिर में प्रतीकात्मक होली का सुझाव भी दिया गया है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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