MP: बुधनी-विजयपुर में प्रचार करने नहीं आए सिंधिया-कमलनाथ, कांग्रेस भाजपा में वाक युद्ध

भोपाल। बुधनी और विजयपुर उपचुनाव के प्रचार का शोर सोमवार शाम थम गया। बुधनी में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान तो विजयपुर सीट पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रचार में पूरी ताकत झोंकी। सीएम डॉ. मोहन यादव दोनों सीट पर प्रचार करने पहुंचे। कांग्रेस की ओर से पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने विजयपुर में डेरा डालकर गांव-गांव में कांग्रेस कैंडिडेट के लिए वोट मांगे।

मध्यप्रदेश की दोनों सीट पर हुए उपचुनाव के प्रचार से कांग्रेस और बीजेपी के दो दिग्गजों ने दूरी बनाकर रखी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के सीनियर लीडर व पूर्व सीएम कमलनाथ प्रचार करने नहीं पहुंचे। इस पर कांग्रेस और भाजपा के अपने-अपने तर्क हैं।

कांग्रेस के संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने कमलनाथ के प्रचार में न आने पर कहा-कमलनाथ को तो दोनों सीटों पर प्रचार करने आना था। उनका दौरा कार्यक्रम बना था लेकिन दुर्भाग्य से उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। इसलिए दोनों विधानसभा क्षेत्रों में प्रोग्राम बनने के बाद भी वे नहीं आ पाए। लेकिन भाजपा में जिस तरह से खींचतान और आपस में झगड़े -विवाद चल रहे हैं, इस वजह से उनके नेता प्रचार करने नहीं गए।

बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराष्ट्र चुनाव प्रचार में लगे हैं। भाजपा में हर नेता के पास अलग-अलग जिम्मेदारी होती है। वे सब अपने दायित्व निभा रहे हैं लेकिन कांग्रेस के कई नेता गायब हैं। उमंग सिंघार तो मुंह दिखाकर गायब हो गए। भंवर जितेंद्र सिंह गायब हैं। कांग्रेस को इस पर जवाब देना चाहिए।

बुधनी शिवराज की परंपरागत सीट, उन्हीं के चेहरे पर प्रचार
केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत बुधनी सीट पर विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव बीजेपी उम्मीदवार हैं। भार्गव के समर्थन में वोट मांगने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शिवराज सिंह चौहान द्वारा बुधनी विधानसभा में किए गए कामों के नाम पर वोट मांगे। शिवराज के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने भी भार्गव के समर्थन में लगातार प्रचार किया।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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