MP : प्रदेश का ऐसा गांव जहां लड़कियां दुल्हन बन विदा तो होती हैं, कोई दुल्हन बनकर नहीं आती

दमोह। एक तरफ हम प्रदेश में विदेशी और देशी निवेशकों को आमंत्रित कर रहे हैँ, उन्हें आश्वस्त कर रहे हैँ कि यहाँ सड़कें लाजवाब हैँ। पेयजल की भरपूर व्यवस्था है. कल कारखानों के लिए पानी की कमी नहीं है, लेकिन दूसरी तरफ कई तमाम गाँव और  छोटे शहरों के साथ ही बड़े शहरों की अबफी भी पानी ली समस्या से जूझ रही है। दमोह जिले के पथरिया ब्लॉक के सजियाहार ग्राम में तो पानी और सड़क की समस्या ने युवाओं के विवाह तक रोक दिए हैं.

हाल ये है कि लोगों को कई किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है. पूरे गांव में एक भी हैंडपंप नहीं है. कुआं सूख चुके हैं. अब लोगों को खेतों में बने बोर और कुओं से पानी लाना पड़ता है. दरअसल, साजियाहार अपनी पंचायत सुजनीपुर से 3 किलोमीटर दूर है. इसके अलावा दो अन्य पंचायत लखरौनी और बोतराई से भी इसकी दूरी 3 किलोमीटर है. सड़क न होना भी ग्रामीणों के लिए बड़ी सजा है.

ग्रामीण बोले- अब किसी को वोट नहीं देंगे
सजियाहार गांव में करीब 600 से अधिक लोगों की आबादी है, जिसमें अधिकांश आदिवासी और दलित समाज रहता है. 8 से 10 घर ब्राह्मण, ठाकुर, पटेल परिवार के हैं. ये लोग अपने मकान बेचकर दूसरी जगह रहने लगे हैं. ग्राम की रहवासी आनंद रानी और अन्य महिलाओं ने कहा “हमारे गांव में पानी और सड़क की समस्या है. हर बार लोग वोट मांगने आते हैं लेकिन पानी की समस्या दूर नहीं कर रहे हैं. पहले हमारी समस्या का समाधान करो उसके बाद हम वोट देंगे.”

दो दर्जन युवा शादी के इंतजार में बैठे
65 साल के वृद्ध शंकर का कहना है “हमारे गांव से लोग लड़कियां तो ब्याह कर ले जाते हैं लेकिन अपनी लड़की नहीं देना चाहते. सड़क नहीं है. लोगों को पैदल आने-जाने में परेशानी होती है. बिजली नहीं रहती तो पानी भी नहीं रहता. पानी की तो समस्या ऐसी है कि लोगों को खेतों से लाना पड़ता है. गांव में दो दर्जन से ज्यादा युवा ऐसे हैं, जो अब तक कुंवारे बैठे हैं. कोई उन्हें अपनी लड़की देना नहीं चाहता है.” इस संबंध में नल जल योजना के उपयंत्री रोहित गुप्ताका कहना है “गांव में नल जल योजना की पाइपलाइन डाली है. पाइप लाइन कई जगह से क्षतिग्रस्त है. इसलिए गांव में पानी नहीं पहुंच पाता.”

एसडीएम ने दिए निरीक्षण करने के निर्देश
एसडीएम निकेत चौरसियाका कहना है “सजियाहार की नल जल योजना सागर जिले से संचालित है. मैंने जनपद सीईओ से कहा है कि वह जाकर देखें कि गांव की क्या समस्या है. मैंने नल जल योजना के जीएम से भी बात की है कि गांव की पेयजल समस्या कैसे दूर की जा सकती है, इस पर रिपोर्ट दें.”

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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