RSS प्रतिनिधि सभा : मंच से पूर्व पीएम मनमोहन को श्रद्धांजलि, मणिपुर के हालात पर चिंता, परिसीमन का मुद्दा राजनीतिक

बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की 3 दिन की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा आज (21 मार्च) सुबह बेंगलुरु में शुरू हुई। इस बैठक की शुरुआत में कांग्रेस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।
हालांकि, मनमोहन सिंह के साथ तबलावादक जाकिर हुसैन, प्रीतीश नंदी सहित संघ के दिवंगत कार्यकर्ताओं को भी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने मणिपुर की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि मणिपुर बीते 20 महीनों से बुरे दौर से गुजर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के कुछ राजनीतिक और प्रशासनिक फैसलों के बाद अब उम्मीद की किरण नजर आ रही है। हालांकि, राज्य में हालात सामान्य होने में अभी लंबा समय लगेगा।
परिसीमन की बहस और भाषा का मुद्दा राजनीतिक रूप से प्रेरित
दक्षिण भारत में हिंदी को लेकर चल रहे विवाद पर मुकुंद ने कहा- चाहे वह परिसीमन की बहस हो या भाषा का मुद्दा, यह राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।
उन्होंने कहा- हमें आपसी टकराव से बचना चाहिए और सभी सामाजिक समूहों को साथ आकर सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखना चाहिए। खासतौर पर दक्षिण भारत में संघ के स्वयंसेवक और अन्य संगठनों के लोग इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।
मातृभाषा को प्राथमिकता, इंग्लिश को बताया जरूरी
संघ की शिक्षा नीति को लेकर मुकुंद सीआर ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा संघ की प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि जहां भी संभव हो, मातृभाषा का उपयोग किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दो या तीन भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है। एक मातृभाषा, एक बाजार की भाषा और एक करियर भाषा (जैसे इंग्लिश) सीखनी चाहिए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तमिलनाडु में तमिल और दिल्ली में हिंदी सीखना आवश्यक होगा, वहीं इंग्लिश जैसी भाषाएं भी रोजगार के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।
संघ के 100 साल पूरे होने पर मंथन
इस साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में बैठक में संघ के विस्तार और सामाजिक कार्यों पर चर्चा हो रही है। इस बार संघ की प्रतिनिधि सभा में कुल 1482 स्वयंसेवक और पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। मुकुंद सीआर ने कहा कि इस बैठक में यह मूल्यांकन भी किया जाएगा कि संघ अब तक समाज में कितना बदलाव ला पाया है और आगे किन क्षेत्रों में अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
एक साल में बढ़ीं 10,000 शाखाएं
संघ की गतिविधियां इस समय 73,646 स्थानों पर हो रही हैं, जिनमें से 51,710 स्थानों पर प्रतिदिन शाखाएं लगती हैं। इस साल संघ की शाखाओं में 10,000 की वृद्धि हुई है, जिससे कुल संख्या 83,129 हो गई है। साप्ताहिक गतिविधियां भी पिछले वर्ष की तुलना में 4,430 बढ़ी हैं। वर्तमान में संघ की कुल 1,15,276 गतिविधियां देशभर में संचालित हो रही हैं।