MP: प्रदेश कंगाल और मंत्रियों को पसंद नहीं आ रहीं पुरानी गाड़ियां, नए वाहन खरीदने का प्रस्ताव

भोपाल। एक तरफ मध्यप्रदेश कंगाल हो गया है। हर काम के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं हैं। लेकिन सरकार के कैबिनेट के मंत्रियों को 3 माह पहले उपलब्ध कराई गई गाड़ियां पसंद नहीं आ रही हैं। अधिकांश मंत्री स्टेट गैरेज से गाड़ियां पुरानी बताकर नई गाड़ियों की मांग कर रहे हैं। मंत्रियों के अनुरोध के बाद अब शासन को सभी मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां खरीदकर देने का प्रस्ताव भेजा है।

सरकार में इस समय सीएम को छोड़ 2 डिप्टी सीएम और 28 कैबिनेट व राज्य मंत्री हैं। इन सभी के लिए नई गाड़ियों की डिमांड आने पर स्टेट गैरेज ने गृह विभाग को मार्च के पहले सप्ताह में प्रस्ताव भेजा है। जिसमें नई गाड़ियां खरीदने की बात कही है। माना जा रहा है कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद जून तक ही इस प्रस्ताव पर कोई फैसला हो सकेगा। स्टेट गैरेज के अधीक्षक आदित्य रिछारिया बताते हैं कि मंत्रियों की डिमांड के बाद यह प्रस्ताव मार्च के पहले हफ्ते में शासन को भेजा गया है।
मंत्रियों की पहली पसंद इनोवा क्रिस्टा है। वित्त की परमिशन के बाद गृह विभाग की ओर गर्वनमेंट ई-मार्केट प्लेस (GeM) से सीधे कंपनी के माध्यम से खरीदी की जाएगी। जेम में कंपनी से जो रेट होंगे, उसके आधार पर वाहनों की खरीदी की जाएगी। बताया गया कि जेम को आर्डर देने के बाद वाहन उपलब्ध कराए जाने में कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है।
शपथ के बाद मिली थीं 5 नई गाड़ियां
मोहन सरकार के मंत्रियों की शपथ के बाद स्टेट गैरेज के पास 5 नई इनोवा क्रिस्टा आई थीं। ये पांचों ही गाड़ियां मंत्रियों को भेजी गई है और इसके बाद से दूसरे मंत्री जिनके पास एक या दो साल पुरानी इनोवा क्रिस्टा हैं, वे नई गाड़ियों की डिमांड कर रहे हैं। मंत्रियों का तर्क है कि पुरानी गाड़ियों में मेंटेनेंस और रास्ते में खराब होने की परेशानी होती है। जबकि मंत्रियों को शहर के साथ गांवों में भी छोटी बस्तियों तक दौरे करने पड़ते हैं।
इस साल 27500 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है सरकार
बता दें वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक प्रदेश सरकार 27500 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. मध्य प्रदेश सरकार ने 20 फरवरी को बाजार से पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इसके बाद भी कर्मचारियों के वेतन के। लाले पड़ जाते हैं।