MP: गले में पहने गमछे से संदेश दे रहे सिंधिया- नारी शक्ति, मेरी शक्ति… आदिवासी चौपाल में लिखा हुल जुहार..

गुना। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान वह अपने गले मे पहने गमछे से भी संदेश दे रहे हैं। शिवपुरी में आयोजित मातृ शक्ति सम्मेलन में उन्होंने ‘नारी शक्ति मेरी शक्ति’ लिखा गमछा पहना। इसी तरह गुना की बमोरी विधानसभा में आयोजित आदिवासी चौपाल में उन्होंने ‘हुल जुहार’ लिखा गमछा पहना।
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रत्याशी घोषित होने के बाद दूसरी बार लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं। दौरे पर वह शिवपुरी पहुंचे। यहां उन्होंने मातृ शक्ति सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हमारा देश हज़ारों साल से नारी के आगे नतमस्तक व पूजन करने वाला देश है। माँ भारती के सिद्धांत, संस्कार को हमको आगे ले जाना है। उच्च मूल्य और सिद्धांत हमें अपनी आने वाली पीढ़ी में उत्पन्न करना है वो घर की महिला, घर की लक्ष्मी, देश की दुर्गा यानी हमारी मातृ शक्ति द्वारा किया जाता है। हमारे देश मातृ शक्ति की पूजा सदियों से जा रही है, जहां राम होते है तो उनके बग़ल में माँ सीता भी होती है। देश के हर घर माँ के स्वरूपों का पूजन होता है और जब माँ लक्ष्मी, दुर्गा या सरस्वती का संस्कार के साथ भक्ति किया जाता है । हमारे साधु कह गए है, “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता” अर्थात जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं।” सम्मेलन में उन्होंने जो गमछा पहना हुआ था, उस पर ‘नारी शक्ति, मेरी शक्ति’ लिखा हुआ था।
हो सकता है अगली बार गुना से महिला सांसद बने
केंद्रीय मंत्री ने संसद में महिला आरक्षण नारी शक्ति वंदन बिल पास होने पर कहा- नारी शक्ति वंदन अधिनियम के आधार पर देश की मातृ शक्ति को उनका अधिकार मिला है। शिवपुरी में ही देखे तो आज इस मंच पर ज़िला पंचायत की महिला अध्यक्ष है, नगर पालिका की महिला अध्यक्ष, जनपद की अध्यक्ष भी महिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के कारण आने वाले दिनों में हमारे देश संसद में भी मेरी 33% महिलाएँ होंगी और हो सकता है की अगली बार गुना की सांसद भी महिला बन सकती है। ट्रिपल तलाक़ अधिनियम रद्द भी कराया, ताकि अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ अन्याय का अंत हो। आज नारी शक्ति का ज़माना है, नारी शक्ति का अवसर है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा आपको आगे लाकर भारत का झंडा उज्ज्वल कराना चाहते है।
आदिवासी चौपाल में पहना हुल जुहार लिखा गमछा
शनिवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना जिले की बमोरी विधानसभा के काबर बमोरी में आयोजित आदिवासी चौपाल में शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्होंने सिंधिया परिवार और आदिवासी समुदाय के रिश्ते के बारे में बताया और अपने पूर्वज को याद किया उन्होंने कहा कि जैसे आज मैं आप सब के बीच चौपाल करने आया हूँ, ऐसे ही मेरे पूर्वज माधो महाराज आदिवासी समाज के साथ चौपाल किया करते थे। 1937-38 में श्योपुर जिले में आदिवासियों के बच्चों के लिए 13 स्कूल और तीन निःशुल्क छात्रावास बनाए गए थे। आपके समाज के बच्चों को शिल्पकला का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई थी जो रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी हो।

