MP Loksabha elections: भोपाल में कांग्रेस उम्मीदवार अरुण श्रीवास्तव और भाजपा के आलोक शर्मा के बीच सीधा मुकाबला

भाेपाल । भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अरुण श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। भोपाल में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आलोक शर्मा से उनका सीधा मुकाबला होगा। अरुण श्रीवास्तव पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं जबकि आलोक शर्मा एक बार भोपाल के महापौर रह चुके हैं, लेकिन दो बार विधानसभा चुनाव में उन्होंने पराजय का स्वाद भी चखा है। भोपाल हालांकि बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाने लगी है , फिर भी इस बार मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद की जा रही है।

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Alok Sharma – Arun Shrivastav

अरुण श्रीवास्तव को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का समर्थक माना जाता है। मध्यप्रदेश कांग्रेस (PCC) के सूत्रों के मुताबिक अरुण को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने कांग्रेस नेता दिग्विजय से चर्चा के बाद टिकट दिया है। अरुण श्रीवास्तव के पिता स्वर्गीय दिनेश श्रीवास्तव भी कांग्रेस के नेता रहे हैं। उनकी माताजी भोपाल में जिला पंचायत और जनपद पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं हैं। उनकी माताजी श्रीमती विमला श्रीवास्तव मम्मीजी के नाम से लोकप्रिय रहीं और भोपाल के ग्रामीण क्षेत्रों में उनका बहुत अच्छा प्रभाव रहा है। अरुण श्रीवास्तव उनकी विरासत को सहेजते हुए कांग्रेस में जिला कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष की जिम्मेदारी सम्हाल रहे थे। आज ही जब उनका टिकट फाइनल हुआ, जिला ग्रामीण अध्यक्ष पद पर अनोखी पटेल को नियुक्ति कर दी गई।

ऐसा माना का रहा है कि भोपाल लोकसभा सीट पर कायस्थ समाज के वोटों को साधने के उद्देश्य से कांग्रेस ने अरुण श्रीवास्तव को मैदान में उतारा है। यहां कायस्थ समाज के वोट बड़ी संख्या में हैं। अरुण श्रीवास्तव की समाज के मतदाताओं में अच्छी खासी पैठ है, वहीं उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पार्टी का अच्छा नेटवर्क बनाया है।

40 साल पहले कांग्रेस के केएन प्रधान चुने गए थे

भोपाल सीट पर आखिरी बार 1984 में कांग्रेस के केएन प्रधान सांसद चुने गए थे। तब से अब तक भाजपा का इस सीट पर कब्जा है। अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से 6 बार कांग्रेस और 9 बार भाजपा उम्मीदवार को विजयश्री मिली है। जबकि एक मर्तबा जनसंघ और एक बार जनता पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिली। भोपाल संसदीय सीट के 72 साल के इतिहास में केवल मेमूना सुल्तान और डॉ. शंकर दयाल शर्मा ही लगातार दो बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे।

4  सुशील चंद्र वर्मा चुने गए सांसद

भोपाल संसदीय सीट से सर्वाधिक 4 बार सुशील चंद्र वर्मा सांसद चुने गए हालांकि वे मूलतः राजनेता नहीं रहे। वर्मा प्रशासनिक अधिकारी थे। वे लगातार 1989 से 1998 तक चार लोकसभा चुनाव जीते। इसके अलावा भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी 2 बार 2004 और 2009 में भोपाल सीट से लोकसभा चुनाव लड़े और जीते।

भोपाल लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी। नतीजे 4 जून को आएंगे। आचार संहिता लागू होने के दिन (16 मार्च) से 53वें दिन मतदान होगा। उम्मीदवार 12 से 19 अप्रैल तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 20 अप्रैल को नामांकनों की स्क्रूटनी की जाएगी। 22 अप्रैल तक नामांकन वापस ले सकेंगे। लोकसभा में 8 विधानसभा सीटों के 23 लाख 28 हजार 59 मतदाता वोट डालेंगे। 2019 के मुकाबले इस चुनाव में 2.26 लाख वोटर ज्यादा है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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