MP: आदिवासी चौपाल में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया:बोले- जल, जंगल, जमीन का किलेदार है आदिवासी समाज

गुना।केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को गुना जिले के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। इस दौरान वह सबसे पहले बमोरी विधानसभा के काबर बमोरी गांव में पहुँचे। यहां उन्होंने आदिवासी चौपाल को संबोधित किया। इस दौरान सिंधिया ने आदिवासियों के साथ बैठकर दाल-बाटी खायीं। उन्होंने आदिवासी महिला को अपने हाथ से बाटी खिलाईं।

कार्यक्रम के बाद केंद्रीय मंत्री पास के ही एक घर में खाना खाने पहुंचे। यहां दाल-बाटी का कार्यक्रम रखा गया था। सिंधिया ने भी इस दौरान दाल-बाटी खायीं। उन्होंने आदिवासी महिला से इसे बनाने की विधि भी पहुंची। साथ ही उन्होंने महिला को अपने हाथ से बाटी भी खिलाईं। उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, जिला प्रभारी गोपाल आचार्य, बमोरी जनपद अध्यक्ष गायत्री भील मौजूद रहीं।
आदिवासी चौपाल को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस देश में, इस विश्व में आज अगर कोई समाज या कोई व्यक्ति मां पृथ्वी का संरक्षण कर रहा है, तो वह हमारा आदिवासी समाज है। हजारों वर्षों से आदिवासी समाज ने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण का काम किया है। उस जल, जंगल, जमीन का किलेदार आदिवासी समाज है। विश्व मे आज जलवायु परिवर्तन आ रहा है। बेमौसम ओले गिरे रहे हैं, अतिवृष्टि हो रही है, बेमौसम सूखा आता है, अगर मनुष्य समाज ने आदिवासी समाज की जीवनशैली को अपनाया होता, तो आज विश्व मे जलवायु परिवर्तन नहीं आता।
सिंधिया ने कहा कि ये आज की बात नहीं है। आधुनिक युग में कपड़े बदल गए हों, जीवन यापन का तरीका बदला हो, लेकिन आदिवासी समाज की आत्मा वही है। आवाज भी वही है, आत्मा भी वही है, खोज भी वही है और सुरक्षा भी वही है। ये व्व आदिवासी समाज है, जिसने जब-जब भारत के ऊपर आक्रमणकारियों ने टेढ़ी नजर रखी, उनकी नजर को ही खींच निकालने का काम आदिवासी समाज ने किया है।