Election: एफिडेविट में देना होगा क्राइम केस डिटेल, ई-पेपर में अनुमति के बगैर नहीं छपेगा विज्ञापन, खुद का ब्लाग हो तो परमिशन जरूरी नहीं

भोपाल। खुद के ब्लॉग या वेबसाइट या सोशल मीडिया पर अगर कोई प्रत्याशी या राजनीतिक कुछ भी पोस्ट करता है तो उसे प्री सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी। लेकिन, उसे शपथ पत्र में इसकी जानकारी देना होगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि अखबारों और न्यूज चैनलों के अलावा अगर किसी ने ई पेपर पर कोई राजनीतिक विज्ञापन दिया है तो उसके लिए आयोग से प्री-सर्टिफिकेशन लेना आवश्यक है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कलेक्टरों से कहा है कि उम्मीदवारों को इन सभी प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाए।

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लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का काम शुरू हो चुका है। पहले चरण के नामांकन के लिए अब दो ही दिन शेष बचे हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने कलेक्टरों से कहा है कि वे उम्मीदवारों को बार-बार प्री सर्टिफिकेशन की स्थितियों से अवगत कराएं। भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि ई-पेपर पर दिए जाने वाले राजनैतिक विज्ञापन का भी प्री-सर्टिफिकेशन संबंधित राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार को कराना जरूरी होगा।

इसी तरह चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अपने स्वयं का सोशल मीडिया अकाउंट, वेबसाइट, ब्लॉग एवं ई-मेल आईडी की जानकारी नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले शपथ पत्र में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगी। आयोग के दिशा-निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार स्वयं का ब्लॉग, वेबसाइट अथवा सोशल मीडिया अकाउंट पर इस तरह की सामग्री चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पोस्ट या अपलोड करता है तो उसे राजनैतिक विज्ञापन नहीं माना जाएगा। इसके लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी से प्री-सर्टिफिकेशन लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

शपथ पत्र में देना होगी अपराध की डिटेल

आयोग ने कहा है कि नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवार को निर्धारित प्रपत्र 26 में आपराधिक प्रकरण के संबंध में शपथ पत्र देना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उम्मीदवार को अपने पूर्व के प्रचलित आपराधिक प्रकरण एवं दोष सिद्ध प्रकरण के संबंध में घोषणा पत्र देना होगा। उम्मीदवार निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में सभी विवरण दर्ज करके नामांकन पत्र के साथ प्रस्तुत करेंगे। यदि उम्मीदवार किसी राजनैतिक दल कि ओर से चुनाव लड़ रहा है तो उसे अपराधिक प्रकरण के संबंध में उस राजनैतिक दल को भी सूचना देनी होगी।

राजनैतिक दल उम्मीदवार के लंबित आपराधिक प्रकरण की जानकारी दल की वेबसाइट पर दिखाएंगे। साथ ही राजनैतिक दल इस संबंध में एक घोषणा जारी करेंगे जिसे समाचार पत्रो एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित प्रकाशित करना आवश्यक होगा। नामांकन पत्र भरने के बाद कम से कम तीन वार लंबित आपराधिक प्रकरण के संबंध में घोषणा स्थानीय समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों में प्रसारित करना अनिवार्य होगा।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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