MP: पांच विधायकों पर भारी राजगढ़ कलेक्टर… हटाने के लिए बना रहे दबाव…

राजगढ़। जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित इस जिले के पांच पांच विधायकों पर भारी पड़ रहे हैं। इन सभी विधायकों ने कलेक्टर को हटाने के लिए सीएम से कहा था। दबाव भी बनाया, लेकिन अभिनय इन्हें सफलता नहीं मिल सकी है।

उनकी शिकायत है कि जिला प्रशासन किसानो की सुनवाई नहीं  कर रहा है। लोगो को एक ही कार्य मे बार बार चक्कर लगाना पड़ रहा है ऐसी शिकायते आम हो गई है। बड़ती शिकायतों से किसानो मे निराशा देखी जा रही है।
इस मामले मे जिले के सत्ता पक्ष के विधायक कलेक्टर को यह से हटाने की सिफारिश तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कर चुके थे, वही पूर्व मे राजगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री की कमान संभालने वाले और प्रदेश के मुख्यमंत्री ड्रा मोहन यादव भी सत्ता पक्ष के विधायको के समर्थन मे दिखाई देते नजर आये थे, किंतु राजगढ़ जिले मे सबसे लंबे समय से जमे हुए जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित जी को तीन साल होने को है और उन्हे यह से बदलने को लेकर पूरी ताकत दिखाते नजर आये थे लेकिन कलेक्टर साहब के आगे जब विधायक भी निराश दिखे तो अब प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री राजगढ़ जिले पर फेर बदल को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार राजगढ़ को लेकर सख्त नही दिखाई दे रहे है!!
कही न कही अब राजगढ़ जिले मे सूत्र बता रहे थे कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बाद यह फेर बदल संभव है किंतु अब सूत्र की माने तो जिला कलेक्टर राजगढ़ मे और समय बिता सकते है, यह भले ही उनको तीन साल हो गए, मिडीया के प्रति उनकी अन देखी और गंभीर मुद्दों पर सख्ती से लेने के बजाय शिथिल कार्यवाही से आज राजगढ़ मे किसानो के मामले लंबित है!

ज्यादातर किसानो मे जमीन से जुड़े मामले जिसमे राजस्व विभाग और डूब प्रभावित किसानो को जमीन डूब जाने के बाद भी समय सीमा मे भुगतान नही होने की शिकायते लेकर किसान जल संसाधन और अन्य परियोजना मे अधिकारियों के चक्कर काटते दिखाई दे रहे है!!
देखा जाए तो डूब प्रभावित किसानों की समस्या के निराकरण करने वाले अधिकारी सप्ताह मे दो से तीन दिन ही ऑफिस मे नजर आते है वही उन्हे एक के बजाय अन्य कार्यालय के प्रभारी बनाने से यह समस्या बड़ती नजर आ रही है!!

जन सुनवाई मे आने वाले आवेदन पर, नही हो रहा तुरंत एक्शन
राजगढ़ जन सुनवाई में जन सुनवाई मे संब्ंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित नही होते है ऐसे मे इस प्रकार की खबरे प्रकाशित होती नजर आ रही है इसके बावजूद जिले मे जिम्मेदारी से कार्य करने वाले अधिकारी अब आने वाली शिकायतों का निराकरण बहुत धीमी गति से करते देखे जा सकते है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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