MP: 81 विधानसभा क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्र नहीं,MSME मंत्री काश्यप ने कहा- मल्टी स्टोरी इंडस्ट्री कॉम्पलेक्स बनाये जायेंगे

भोपाल। प्रदेश के एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप ने स्वीकार किया कि प्रदेश की 81 विधानसभा क्षेत्रों में अब तक कोई औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं हो पाया है। मंत्री ने कहा कि सरकार इस कमी को दूर करने के लिए नई औद्योगिक और स्टार्टअप नीतियों के जरिए संतुलित विकास की दिशा में काम कर रही है।
सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में कम जगह में ज्यादा उद्योगों को जगह देने के लिए मल्टी स्टोरी इंडस्ट्री कॉम्पलेक्स बनाने जा रही है। इसकी शुरुआत भोपाल के गोविंदपुरा से हो रही है। इसके बाद इसे प्रदेश के दूसरे बडे़ औद्योगिक क्षेत्रों में शुरू किया जाएगा।
युवाओं को स्टार्टअप बढ़ाने 10 हजार/माह की मदद
मंत्री चेतन्य कश्यप ने बताया कि युवाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए राज्य की स्टार्टअप नीति में कई प्रोत्साहन प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई युवा अपना स्टार्टअप या उद्यम आगे बढ़ाना चाहता है, तो सरकार उसे शुरुआती एक वर्ष तक हर महीने 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है, ताकि शुरुआती संघर्ष के दौर में उसे सहारा मिल सके।
प्रोटोटाइप के लिए 30 लाख तक की मदद
मंत्री ने कहा कि नए आइडिया को जमीन पर उतारने के लिए सरकार प्रोटोटाइप डेवलपमेंट हेतु 30 लाख रुपए तक की सहायता दे रही है। इससे स्टार्टअप अपने विचार को उत्पाद या सेवा के रूप में विकसित कर सकेंगे।
100 करोड़ का सीड फंड, निवेश को बढ़ावा
स्टार्टअप्स को शुरुआती पूंजी की समस्या से उबारने के लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपए का सीड फंड तैयार किया है। यह फंड नए उद्यमों को आगे बढ़ने और निवेश आकर्षित करने में मदद करेगा।
मेगा इन्कयूबेशन सेंटर बनेंगे
मंत्री कश्यप ने जानकारी दी कि प्रदेश में मेगा इन्कयूबेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। इनमें आइडिया डेवलपमेंट के लिए आधुनिक लैब, मेंटरिंग, शेड और शुरुआती चरण में आवश्यक कार्यस्थल उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे खासकर उन क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, जहां अभी औद्योगिक ढांचा कमजोर है।
मंत्री ने कहा कि बदलते दौर में स्टार्टअप न केवल रोजगार सृजन का माध्यम बन रहे हैं, बल्कि नए विचारों और नवाचार को आगे बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। सरकार का फोकस है कि जिन 81 विधानसभा क्षेत्रों में अभी औद्योगिक क्षेत्र नहीं हैं, वहां चरणबद्ध तरीके से उद्योग और स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित किया जाए, ताकि विकास का लाभ पूरे प्रदेश तक समान रूप से पहुंचे।
MSME और स्टार्टअप इकोसिस्टम
मध्यप्रदेश में MSME और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर काम किया है। प्रदेश में 21.63 लाख से अधिक MSME इकाइयां सक्रिय हैं, जिनसे लगभग 1.20 करोड़ से ज्यादा रोजगार सृजित हो रहा है। स्टार्टअप इकोसिस्टम के तहत 6000 से अधिक DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप कार्यरत हैं, जो नए विचारों को बाजार तक पहुंचा रहे हैं।
स्टार्टअप नीति 2025 के प्रोत्साहन
नई स्टार्टअप नीति के तहत युवाओं को ₹10,000 प्रतिमाह (12 माह तक) की सहायता दी जा रही है। प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए ₹30 लाख तक अनुदान का प्रावधान है। इसके साथ ही ₹100 करोड़ का सीड फंड तैयार किया गया है, जिससे शुरुआती पूंजी की समस्या से स्टार्टअप्स को राहत मिल रही है।
औद्योगिक अधोसंरचना का विस्तार
प्रदेश में 43 औद्योगिक क्षेत्रों में 1,296 नए भू-खंडों का निर्माण किया गया। वहीं 41 औद्योगिक क्षेत्रों (3,353 भू-खंड) का विकास कार्य पूरा हुआ। इसके अतिरिक्त 26 नए औद्योगिक क्षेत्रों में 2,606 भू-खंडों की स्वीकृति दी गई है। वर्ष 2019 से 2024 के बीच कुल 805 भू-खंडों का आवंटन किया गया।
भूमि आवंटन और सुविधाएं
औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को आसान बनाने के लिए 1,240 से अधिक रेडी-टू-यूज़ शेड उपलब्ध कराए गए। निजी औद्योगिक भूमि पर भी 30 औद्योगिक क्षेत्रों के 1,423 भू-खंडों में से 583 का विकास पूरा किया गया है। निवेशकों को ₹40 करोड़ तक की सहायता का प्रावधान किया गया।
वित्तीय सहायता और ऑनलाइन सिंगल क्लिक
पिछले दो वर्षों में 4,865 इकाइयों को ऑनलाइन सिंगल क्लिक के माध्यम से ₹3,118.44 करोड़ की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई। वर्ष 2019 से लंबित सभी प्रकरणों का भुगतान सुनिश्चित किया गया, जिससे उद्योगों का विश्वास बढ़ा।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
योजना के तहत 16,491 युवाओं को लाभ मिला। कुल ₹1,134.27 करोड़ का ऋण वितरित किया गया। वर्ष 2024-25 में 5,000 और 2025-26 (दिसंबर 2025 तक) 8,000 प्रकरणों को स्वीकृति दी गई।
स्टार्टअप के आंकड़े गिनाए
प्रदेश में कुल 6,344 स्टार्टअप पंजीकृत हैं, जिनमें से 3,023 महिला उद्यमियों द्वारा संचालित हैं। 102 इनक्यूबेटर स्थापित किए गए। पिछले दो वर्षों में 2,782 नए स्टार्टअप शुरू हुए, जिनमें 1,361 महिला स्टार्टअप शामिल हैं। वैकल्पिक निवेश फंड्स के जरिए ₹12.89 करोड़ का निवेश हुआ।
RAMP योजना
भारत सरकार की RAMP योजना के तहत प्रदेश के 5 MSME को स्टॉक एक्सचेंज (IPO) में सूचीबद्ध होने में सहायता दी गई। योजना के अंतर्गत 130+ वर्कशॉप, 17 स्किल काउंसिल बैठकें और 16 एक्सपोजर विजिट आयोजित की गईं।
नवाचार और डिजिटल सुधार
औद्योगिक भू-खंडों के आवंटन और प्रोत्साहन राशि वितरण के लिए पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया लागू की गई। CFC के लिए भूमि प्रावधान, स्टार्टअप के लिए विशेष नीतिगत सहयोग, और औद्योगिक क्लस्टर आधारित विकास को बढ़ावा दिया गया।
विकसित भारत के लिए 2047 का रोडमैप
लक्ष्य है 1 करोड़ MSME पंजीकरण, MSME के जरिए 2 करोड़ रोजगार, ₹61,256 करोड़ का निवेश, 25% ग्रीन एनर्जी MSME, 207 औद्योगिक क्षेत्रों का विकास, 10,000 हरित MSME, और 50,000 से अधिक DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप तैयार करना।





