MP: भोपाल में तेज हुआ चिपको आंदोलन, महिलाओं ने सम्हाली कमान, बैकफुट पर आ सकती है सरकार..मामला हरियाली बर्बाद करने वाली नई योजना का
भोपाल। राजधानी में स्मार्ट सिटी के बाद तुलसी नगर और शिवाजी नगर में मंत्री विधायकों के लिए पेड़ काट कर नए बंगले और मल्टी स्टोरी बनाए जाने की योजना के खिलाफ चिपको आंदोलन शुरू हो गया है। इधर सूत्रों का कहना है कि सरकार इस मामले में बैक फुट पर जा सकती है। मुख्यमंत्री इस योजना को
शिवाजी नगर और तुलसीनगर में बहुत पुराने बड़े बड़े पेड़ लगे हैं। यहां के लोग लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी सड़क पर उतर गए। महिलाएं पेड़ों से चिपक गईं। वे भावुक होकर पेड़ों को दुलारने लगी। वो कह रहे हैं, ये पेड़ बुजुर्गों ने लगाए हैं, हमने इन्हें बच्चों की तरह पाला। अब इन्हें कैसे कटने दें?
गुरुवार सुबह शिवाजी नगर और तुलसी नगर इलाके के लोग 5 नंबर स्टॉप के पास राम मंदिर परिसर में जुटे। इसके बाद महिलाएं पेड़ों से चिपक गईं। विद्या पाटिल, सुखबाला तो रुआंसी हो गईं। सुखबाला कहा कि ये पेड़ हमारे परिवार का हिस्सा है। इनके साथ ही हम भी बड़े हुए हैं, लेकिन अब इन्हें काटने का फरमान आया है। विद्या ने कहा कि इन पेड़ों को बच्चों की तरह पाला जा रहा है। हमें कहा जा रहा है कि आपको कलखेड़ा भेजा जाएगा। यदि भेजना ही है तो मंत्री-विधायकों को भेजें।
सरकार का फरमान गलत, विरोध करते रहेंगे
रूपाली शर्मा ने कहा, तुलसीनगर और शिवाजी नगर में शहर की सबसे ज्यादा हरियाली है। उसी को काटने की अब बात हो रही है। सरकारी बंगले बनाए जाएंगे। यह फरमान गलत है। सरकार एक बार फिर से सोंचें। ये पेड़ कतई न कटे, क्योंकि ये हमारी ऑक्सीजन बैंक है। यदि पेड़ काटे जाते हैं तो सड़क पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेंगे।
पेड़ काटना बड़ा अपराध है
अभिभाषक विजय सिरवैया ने कहा, स्मार्ट सिटी के दौरान भी आंदोलन किया था। वहीं पर मंत्री और विधायकों के आवास बनने चाहिए। हरियाली कट जाएगी तो भोपाल का टेम्प्रेचर बढ़ जाएगा। इसलिए सरकार इन्हें न काटे। कोरोना के दौरान पेड़ों की ऑक्सीजन के दौरान ही इंसान बचे हैं। पेड़ काटना बड़ा अपराध है। कानून में इसे बड़ा अपराध माना गया है।