इंदौर। प्रवर्तन निदेशालय ने मध्य प्रदेश के एक पूर्व EPFO अधिकारी और उनके परिवार की 50 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति PMLA (धन शोधन निरोधक कानून) के तहत जब्त कर ली है। एजेंसी ने पूर्व अधिकारी के खिलाफ यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति रखने और रिश्वतखोरी से जुड़े एक मामले को लेकर की। इस बारे में एक बयान जारी करते हुए ईडी ने बताया कि आरोपी अधिकारी श्यामलाल अखंड के खिलाफ मंगलवार को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत एक अंतरिम आदेश जारी किया गया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
ईडी के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में एक प्रवर्तन अधिकारी रहते हुए अखंड ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और साल 2009 और 2019 के बीच की जांच अवधि के दौरान अपनी ज्ञात वैध आय से कहीं ज्यादा संपत्ति अर्जित की, जो कि उन्होंने अवैध कमाई के जरिए बनाई थी। जांच में पाया गया कि अखंड रिश्वत मांगने और लेने सहित कई भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे, साथ ही उन्होंने अपराध की आय का उपयोग अपने, अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर अचल संपत्तियां अर्जित करने के लिए भी किया।
ईडी की तरफ से जारी बयान में बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नलवा गांव में स्थित एक कृषि भूमि शामिल है, जो उनकी पत्नी और बेटे के नाम पर संयुक्त रूप से है, और इंदौर जिले के जख्या गांव की एमराल्ड सिटी में एक आवासीय भूखंड भी है, जो अखंड के नाम पर पंजीकृत है। ईडी के अनुसार, इन संपत्तियों का मूल्य करीब 51 लाख रुपए है।
आरोपी अधिकारी के खिलाफ धन शोधन का यह मामला सीबीआई की तरफ से अखंड के खिलाफ दर्ज की गई दो FIR से जुड़ा है, जिनमें से एक रिश्वत लेने से जुड़ा है और दूसरा उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति रखने का है।