Senser board: स्मिता वत्स शर्मा ने छोड़ा सीईओ का पद

नई दिल्ली। बीते साल दिसंबर में ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार संभालने वाली भारतीय सूचना सेवा की अधिकारी स्मिता वत्स शर्मा ने इस पद की जिम्मेदारी से खुद को मुक्त कर लिया है। ये जानकारी खुद स्मिता वत्स शर्मा ने उस वक्त साझा की जब उनसे हिंदी फिल्मों के निर्माताओं की लगातार बनी शिकायत के बारे में बात करने के लिए समय मांगा गया। उन्होंने अपने संदेश में लिखा, ‘इस बारे में नए सीईओ से बात कीजिए।’ स्मिता के स्थान पर भारतीय राजस्व सेवा के राजेंद्र सिंह की नियुक्ति की जानकारी मिली है।
15 अगस्त को रिलीज होने जा रही जॉन अब्राहम की फिल्म ‘वेदा’ को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) के मुंबई कार्यालय की कार्यप्रणाली बीते हफ्ते ही फिर सुर्खियों में आई थी। सेंसर बोर्ड के दफ्तरों में ऐसी फिल्मों की पूरी कतार लगती जा रही हैं, जिन्हें सेंसर सर्टिफिकेट देने से फिल्म देखने वाली परीक्षण समिति इन्कार कर देती है। फिर, इन फिल्मों को पुनरीक्षण समिति के पास ले जाए जाने की निर्माता की अपील पर हफ्तों ध्यान नहीं दिया जाता है। फिल्म ‘वेदा’ के साथ यही हुआ और इस बारे में खबरें छपते ही फिल्म तुरंत पारित कर दी गई।
तत्कालीन सीईओ रवींद्र भाकर को इस घटना के बाद इस्तीफा देना पड़ा। सूचना और प्रसारण मंत्रालाय के अधीन काम करने वाले सेंसर बोर्ड के मुंबई दफ्तर को ठीक करने के लिए इसके बाद भारतीय सूचना सेवा की वरिष्ठ अधिकारी स्मिता वत्स शर्मा को सीईओ पद की जिम्मेदारी मिली। लेकिन, हालत सुधरे नहीं। सूत्र बताते हैं कि सेंसर बोर्ड के मुंबई दफ्तर का पूरा काम छह सात कर्मचारियों और अधिकारियों की एक ‘मंडली’ चलाती है और स्मिता वत्स शर्मा को दफ्तर का कामकाज तय समय में पूरा करने के लिए बनाई गई कार्यप्रणाली (एसओपी) लागू कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता रहा है।