MP में जानलेवा कफ सिरप : ना तो किसी डॉक्टर पर कार्रवाई हुईं है और ना ही किसी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज हुई, सिरप पर बैन, डिप्टी सीएम कि भूमिका संदिग्ध

भोपाल। छिंदवाड़ा में किडनी फेल होने से नौ बच्चों की मौत हो चुकी है, लेकिन अभी तक केवल सिरप पर प्रतिबन्ध लगाया गया है, वो भी तमिलनाडु में बैन लगने के बाद। मध्य प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने तो कफ सिरप को क्लीन चिट ही दे दी थी। अब तक ना तो किसी डॉक्टर पर कार्रवाई हुईं है और ना ही किसी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है।

जिले में एक महीने में अब तक 11 बच्चों की जान जा चुकी है। लेकिन 11 मौतों के बाद भी जिम्मेदारों ने कोई एक्शन नहीं लिया।
इस मामले में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने पहले कहा था कि सिरप से मौतें नहीं हुई हैं। जब सरकार ने सिरप पर बैन लगा दिया तब बोले- इनमें जहरीले रसायन मिले हैं, जहां दिखे जब्त करो। शुक्ला ने जिस सिरप को क्लीन चिट दी, उस पर सरकार ने प्रतिबन्ध लगाया है।

आज सीएम मोहन यादव ने एक्शन लेते हुए सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर सिरप पर प्रतिबन्ध की जानकारी दी। इससे डिप्टी सीएम का चेहरा जरूर उतर गया। लेकिन उनकी बेशर्मी इस हद तक है कि किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया।
स्थानीय डॉक्टर की सलाह पर बच्चों को कोल्ड्रिफ (Coldrif) और नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS) कफ सिरप देने की बात सामने आई थी। बच्चों की मौत के बाद जांच के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। अब SIT बनाकर राज्य स्तर पर जांच की जाएगी।

सीएम ने लिखा- आज सुबह जांच रिपोर्ट मिली
सीएम डॉ. मोहन यादव ने X पर लिखा- छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।
सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है। इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है।

साल 2023 में डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर बताया था कि इस फॉर्मूले की दवा 4 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। इसके बावजूद छिंदवाड़ा के डॉक्टरों द्वारा यह दवा लिखी गई। जिन 11 मासूमों की मौत हुई है, उनमें से 8 की उम्र 4 साल या उससे कम है। जबकि 2 बच्चे 5 साल के ही हैं।

इंदौर में बनी डिफ्रॉस्ट सिरप भी बाजार से वापस बुलाई
इधर, कोल्ड्रिफ (Coldrif) और नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS) कफ सिरप पर लगे बैन के अलावा, इंदौर में बनी डिफ्रॉस्ट सिरप को बाजार से वापस बुलाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंदौर की आर्क फार्मास्युटिकल्स कंपनी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर डिफ्रॉस्ट सिरप बैच नं. 11198 को बाजार से रिकॉल करने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश में दो और केमिकल को लेकर अलर्ट जारी
राज्य सरकार ने सभी औषधि निर्माताओं, निरीक्षकों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों के डीन को एडवाइजरी जारी की है। इसमें क्लोरफेनिरामाइन मलेट (Chlorpheniramine Maleate) और फिनाइलफ्रिन एचसीएल (Phenylephrine HCl) जैसे रसायनों के उपयोग को लेकर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
ये दोनों खांसी-जुकाम की दवाओं में आम तौर पर पाए जाने वाले सक्रिय तत्व (Active Ingredients) हैं। यह संयोजन उपयोगी तो है, लेकिन छोटे बच्चों या बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल पर खतरनाक साबित हो सकता है।

सिर्फ छिंदवाड़ा में ही सप्लाई होती थी कोल्ड्रिफ सिरप
खुलासा हुआ है कि जो कोल्ड्रिफ सिरप सप्लाई की गई थी, उन्हें जबलपुर से भेजा गया था। हालात की गंभीरता को देखते हुए जबलपुर कलेक्टर ने पहले ही COLDRIF SYRUP और Nastro- DS सिरप पर बैन लगा दिया था।छिंदवाड़ा में श्री सन फार्मा कंपनी के मैनेजर की डिमांड पर महाकौशल डीलर कटारिया फार्मास्यूटिकल से इस कफ सिरप की सप्लाई होती थी। खास बात यह है कि कोल्ड्रिफ सिरप के लिए पूरे महाकौशल में सिर्फ छिंदवाड़ा से ही डिमांड आती थी।

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660 बोतल सिरप मंगवाईं, 594 छिंदवाड़ा भेजी गईं
महाकौशल डीलर कटारिया फार्मास्यूटिकल ने सितंबर में चेन्नई की कंपनी श्री सन फार्मा से कोल्ड्रिफ सिरप की 660 बोतल मंगवाई थी। इनमें से 594 छिंदवाड़ा की तीन अलग-अलग मेडिकल शाॅप आयुष फार्मा, न्यू अपना फार्मा और जैन मेडिकल एवं जनरल स्टोर में सप्लाई की गई। बाकी 66 सिरप डीलर ने अपने ऑफिस में रख ली थी।
ड्रग कंट्रोलर के निर्देश पर जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर (DI) शरद कुमार जैन ने शुक्रवार को नौदरा ब्रिज स्थित कटारिया फार्मास्यूटिकल ऑफिस में जांच की है। शरद कुमार जैन ने बताया कि श्री सन फार्मा कंपनी की डीलरशिप महाकौशल में सिर्फ एक ही है। इसी कंपनी की सिरप कोल्ड्रिफ मध्यप्रदेश में कहीं भी सप्लाई नहीं होती। छिंदवाड़ा में भी यह सिरप सिर्फ 3 मेडिकल शॉप पर ही भेजी जाती थी।

हर माह मंगवाते थे 500 से अधिक कोल्ड्रिफ
कटारिया फार्मास्यूटिकल के पास पिछले 20 सालों से श्री सन फार्मा चेन्नई की डीलरशिप है। इसमें अलग-अलग तरह के सिरप मंगाए जाते हैं। छिंदवाड़ा में कंपनी के रिप्रेजेंटेटिव मैनेजर सतीष वर्मा हैं। उनके ऑर्डर पर ही कोल्ड्रिफ सिरप मंगवाकर भेजे जाते थे।
इस बार भी कफ सिरप की डिमांड आई थी। जिसमें से कुछ सिरप भेजे गए हैं। बाकी ऑफिस में रखे हैं। छिंदवाड़ा में कंपनी का ऑफिस भी खुला है। इस वजह से वहां से अधिक मांग इस सिरप की आती है।
डीलर राजपाल कटारिया का कहना है कि आज तक कभी भी इस कंपनी के सिरप या फिर दवाएं से कभी भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। यह जांच का विषय है कि क्या वाकई में कफ सिरप पीने से ही बच्चों की हालत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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