MP: Prahlad patel ने कहा दिग्विजय से बहस करने तैयार, पंचायतों को स्वाबलम्बी बनाने पर चल रही कार्यशाला पर चर्चा की

भोपाल। मध्य प्रदेश के पंचायत ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिँह पटेल ने पंचायती राज प्रतिनिधियों के अधिकारों और ग्रामीण विकास के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा दी गईं बहस की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा है कि वे किसी भी मंच पर बहस के लिए तैयार हैँ। दिग्विजय द्वारा लगाए गये बीस प्रतिशत कमीशन के आरोप का उन्होंने पूरी तरह खंडन किया और कहा कि उनके कार्यकाल में एक भी मामला ऐसा बता दें जिसमें कमीशन लिया गया हो।
आत्मनिर्भर पंचायत और समृद्ध मध्य प्रदेश पर भोपाल के कुशभाऊ ठाकरे कान्वेंशन हाल में तीन दिनी कार्यशाला चल रही है। मंत्री प्रहलाद पटेल ने दूसरे दिन हुईं चर्चा पर प्रेस से बात की। पत्रकारों ने पूछा कि पूर्व सी एम दिग्विजय सिँह ने पंचायतों के काम के बदले 20 परसेंट कमीशन लिए जाने का आरोप लगाया है। साथ ही पंचायती राज के अधिकारों को लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री को बहस कि चुनौती दी है। इस पर उन्हें क्या कहना है? पटेल ने कहा कि मेरे मंत्री बनने के बाद किसी भी मामले के कमीशन को लेकर वो चेलेंज करते हैँ। और पंचायती राज पर कैसी भी बहस के. लिए तैयार हैँ।
श्री पटेल ने विगत दो दिनों से संचालित “आत्मनिर्भर पंचायत – समृद्ध मध्यप्रदेश” कार्यक्रम की प्रगति एवं उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही आज आयोजित कैबिनेट बैठक में पारित हुए श्रम कानून से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विस्तार से जानकारी साझा की। मंत्री श्री पटेल ने बताया कि कार्यक्रम में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चाएँ अत्यंत सकारात्मक रहीं और कई महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक संवाद हुआ। उन्होंने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों को साइबर क्राइम संबंधी जागरूकता प्रदान की गई, जिससे पंचायत स्तर पर डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्री जी ने कहा कि कल कार्यक्रम का समापन दिवस है जिसमें कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कमजोरियाँ दोनों पक्षों में होती हैं — अधिकारियों में भी और जनप्रतिनिधियों में भी, इसलिए सुधार की दिशा में संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं।
उन्होंने कुछ प्रमुख मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया:
• कई पंचायतों में दुकानों के ऑक्शन न होने की समस्या पर समाधान की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
• पंचायत क्षेत्रों में सड़क निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।
• आत्मनिर्भरता का अर्थ केवल आर्थिक क्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में सशक्तिकरण से है।
मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि पंचायतें मजबूत हों, पारदर्शी हों और जनहित के कार्यों में अधिक तत्परता से योगदान दे सकें। कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश में आत्मनिर्भर और समृद्ध पंचायत व्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।





