MP : मंत्री विजयवर्गीय बोले-कम कपड़े वाली लड़कियां मुझे अच्छी नहीं लगतीं…

इंदौर। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि उन्हें कम कपड़े पहनने वाली लड़कियां पसंद नहीं हैँ। इंदौर में उन्होंने कहा – ऐसा कहते हैं कि कम कपड़े पहनने वाली लड़की, जिस तरह सुंदर होती है, उसी तरह कम भाषण देने वाला नेता भी बहुत बढ़िया होता है। ऐसी कहावत है विदेश में। मैं इसका पालन नहीं करता हूं। मैं तो इसको नहीं मानता हूं। मैं तो ये मानता हूं कि हमारे यहां महिलाएं देवी का स्वरूप हैं, खूब अच्छे कपड़े पहने।

इंदौर के नेहरू पार्क स्थित सिंदूर वाटिका में गुरुवार को पौधारोपण का आयोजन किया गया। यहां मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की। यहाँ विजयवर्गीय ने कहा – एक पाश्चात्य कहावत है, जो अच्छी नहीं है। विदेशों में इस कहावत की चर्चा होती है। हमारे यहां क्या है कि अच्छा पहने लड़की, अच्छा श्रृंगार करें, खूब अच्छे गहने पहने, सुंदर कपड़े पहने, उसे बहुत अच्छा मानते हैं। लेकिन विदेश में जो कम कपड़े पहनती हैं, उसको अच्छा मानते हैं। ये उनकी सोच है।

सुमित मिश्रा, महेंद्र हार्डिया से कुछ न कुछ सीखता हूं’
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि हमारे सुमित मिश्रा, महेंद्र हार्डिया इन सब से कुछ न कुछ सीखता हूं। महेंद्र हार्डिया से भी सीखा। चेहरा दिखाया, 11 बजे बराबर प्रोग्राम में पहुंच जाएंगे। अगली जगह 12 बजे कार्यक्रम है तो चुपचाप फोन पर बात करते हुए सीध सटक लेंगे और 12 बजे वहां।
एक बार मैं शादी में गया, वहां महेंद्र बाबा का पूछा तो बताया कि वह 7 बजे ही आ गए। कोई भी नहीं था, टेंट वाले को लिफाफा देकर चले गए। महेंद्र बाबा से भी सीखता हूं। मैंने 3-3 बजे तक शादी अटेंड की, लेकिन सोच लिया है कि 12 बजे तक ही शादी अटेंड करूंगा। सुबह 6 बजे वापस नींद खुल जाती है। लेट सोता हूं तो अगला दिन खराब हो जाता है। 12 बजे शादियां में जाना बंद।

कमिश्नर साहब से भी सीखता हूं, मगर पालन नहीं कर पा रहा
हमारे कमिश्नर साहब से भी सीखता हूं, मगर मैं पालन नहीं कर पा रहा हूं। फोन करो तो जी सर, यस सर…काम हो या नहीं, पर हां तो कर ही देंगे। मुझसे ये हो नहीं रहा है। मैं भी ये सीखना चाहता हूं कि मैं भी ऐसा करूं। भाई ये काम करना, यस कर देंगे सर…। ये सीखने की कोशिश कर रहा हूं। सीख गया तो इनको धन्यवाद दूंगा।

Exit mobile version