MP : इंदौर में दूषित पानी से 3 की मौत, 35 भर्ती, भागीरथपुरा में शौचालय के नीचे पाइपलाइन में लीकेज, मंत्री विजयवर्गीय और पीसीसी अध्यक्ष पटवारी पहुंचे मरीजों से मिलने

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के भागीरथपुरा में दूषित पानी पीने से तीन लोगों की मौत हो गई है। 35 से ज्यादा अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। भागीरथपुरा में चौकी से लगे शौचालय के नीचे मेन लाइन में लीकेज सामने आया है। आशंका है कि इस लीकेज से दूषित पानी, पेयजल की पाइपलाइन में मिला होगा। इसकी मरम्मत का काम शुरू करा दिया गया है।
उधर, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना। इलाके का दौरा भी किया। विजयवर्गीय ने कहा- भागीरथपुरा से पानी के 70 से ज्यादा सैंपल लिए हैं। रात तक नतीजे पर पहुंच जाएंगे। दोषियों पर एक्शन को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों का स्वास्थ्य है। वे ठीक होकर घर पहुंच जाएं, फिर आगे की कार्रवाई करेंगे।
वहीं, महापौर पुष्यमित्र भार्गव बोले- अभी तक तीन लोगों की मौत की बात पता चली है। स्पष्ट जानकारी स्वास्थ्य विभाग से ही मिलेगी। घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिजन बोले- दूषित पानी पीने से बीमार हुए थे
मृतकों में भागीरथपुरा निवासी नंदलाल पाल (75) समेत दो महिलाएं शामिल हैं। नंदलाल ने मंगलवार सुबह वर्मा वर्मा नर्सिंग होम में दम तोड़ा। उनको 28 दिसंबर को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था।
डॉक्टरों ने उनकी मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट को बताया। कहा- मेडिकल हिस्ट्री में सामने आया है कि नंदलाल को ब्लड प्रेशर की समस्या थी और वे नियमित दवा नहीं लेते थे। कार्डियक अरेस्ट की आशंका इसी वजह से बनी। लेकिन परिजन का दावा है कि दूषित पानी पीने के बाद ही उनकी हालत बिगड़ी।जान गंवाने वाली महिलाओं के परिजन का कहना है कि पानी पीने के बाद अचानक तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
दावा- एक हफ्ते में 150 लोगों ने की थी शिकायत
स्थानीय निवासियों ने दावा किया है कि पिछले एक हफ्ते में करीब 150 लोगों ने उल्टी-दस्त की शिकायत की है। वर्मा नर्सिंग होम में मंगलवार को पांच नए मरीज भर्ती हुए, जबकि दो को डिस्चार्ज किया गया। फिलहाल यहां 20 मरीज भर्ती हैं। अन्य मरीजों को त्रिवेणी हॉस्पिटल सहित दूसरे निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) अस्पताल से 7 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। 11 मरीज एडमिट है। महिला मरीज संतोष को अरविंदो अस्पताल रेफर किया गया है।
सरकार कराएगी सभी मरीजों का इलाज
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल संज्ञान लिया और प्रशासन को जरूरी निर्देश दिए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सभी मरीजों का इलाज सरकार के खर्च पर होगा। जिन लोगों ने इलाज के लिए पहले से पैसे जमा किए हैं, उन्हें रिफंड कराया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पहुंचे मरीजों से मिलने
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पहुंचे मरीजों से मिलने पहुंचे, उन्होंने कहा – इंदौर में दूषित पेयजल के कारण 150 से अधिक लोग बीमार हो गए और 4 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई। आज इंदौर के वर्मा अस्पताल में भर्ती पीड़ित परिवारों से मिलकर मन अत्यंत व्यथित है। उनके चेहरों पर डर, दर्द और असहाय पीड़ा साफ दिखाई देती है। सरकार की लापरवाही के कारण किसी निर्दोष नागरिक की जान जाना किसी भी शासन व्यवस्था की सबसे गंभीर विफलता है, और मध्य प्रदेश में बार बार ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं, जहाँ भाजपा सरकार की उदासीनता और भ्रष्टाचार की कीमत आम जनता को अपनी जान से चुकानी पड़ रही है।
पिछले दो महीनों से इंदौर की जनता लगातार यह शिकायत करती रही कि पीने का पानी दूषित है, लेकिन सरकार द्वारा न कोई सुनवाई हुई और न ही कोई कार्रवाई की गई। इसी लापरवाही का नतीजा है कि आज चार परिवार अपने प्रियजनों को खो चुके हैं और सैकड़ों लोग अस्पतालों में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।इस तरह की घटनाएँ भाजपा सरकार की कार्यशैली, संवेदनशीलता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करती हैं। मैं ईश्वर से सभी मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूँ और दिवंगतों के परिजनों को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति देने की कामना करता हूँ।






