अनुकंपा नियुक्ति के बदले मांग रहे थे घूस, उच्च शिक्षा विभाग के OSD का रिश्वत मांगते ऑडियो

मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में OSD स्तर के एक अधिकारी के घूस मांगने का ऑडियो सामने आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। इन ऑडियो में वे अनुकंपा नियुक्ति के मामले में 'व्यवस्था' के नाम पर रिश्वत मांगते सुनाई दे रहे हैं। वायरल ऑडियो सतपुडा भवन स्थित उच्च शिक्षा संचालनालय में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (OSD) के रूप में पदस्थ संजय जैन का बताया जा रहा है। जिसके बाद गुरुवार देर रात उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
डॉ. संजय जैन (ओएसडी) उच्च शिक्षा संचालनालय की अराजपत्रित शाखा में पदस्थ है और वायरल ऑडियो में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में आवेदकों से हिस्सा मांग रहे थे। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। डॉ. जैन निलंबन अवधि में अतिरिक्त संचालक कार्यालय, भोपाल-नर्मदापुरम संभाग में रहेंगे।
डॉ. संजय जैन और अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले निशांत के बीच हुई बातचीत का मुख्य हिस्सा
संजय जैन: अच्छा, अब क्या है, ये सब चीजें एडवांस में होती हैं, हमने तो सब विश्वास में तुमको कर दिया था कि चलो भाई... बाद में हो जाएगा, अब तुम अब अपने हिसाब से देख लो कैसे क्या करना है। जो भी हो जैसे भी हो सम्मानजनक हो, क्योंकि सहायक वर्ग-3 का पद है... क्योंकि क्लास 4 का देते तो तुम्हें क्लास-3 आने में कितना समय लगता। एक तो तुम्हारा प्रकरण कितना उलझा, ये भी था कि पिताजी के कारण कहो नहीं भी देते क्योंकि अभी उनका क्लियर नहीं हुआ है। वह तो मानवीय दृष्टिकोण अपना कर हमने अपने हिसाब से इसको किया है... तो सोच-समझ कर तुम देख लो।
निशांत: जी सर...जी।
संजय जैन: हमने तो सबको 1.5 बोला था... लिया है। अब तुम उस हिसाब से लेकर आ आजो... ठीक है। कर लो, क्योंकि ये पहले होता है, नहीं तो बाद में लोग बोलते, मेरा तो हो गया अब क्या लेना-देना। ये तो विश्वास की बात रहती है... ठीक है, तो कर लो इसको... कर लो सेट?
निशांत: जी... सर।
संजय जैन: जाते समय जब उज्जैन जाओगे तो भोपाल होते हुए ही जाओगे?
निशांत: सर, रात की ट्रेन से निकलूंगा ना... 8.50 की ट्रेन से। मम्मी भी साथ में जा रहीं ना सर।
संजय जैन: उज्जैन में अपन मिलेंगे भी तो वहां तो सब लोग रहते हैं, तो ऐसा कौन होता है... बातचीत भर हो पाएगी। चलो तुम सेट कर लो जैसा भी हो। जिस तरीके से भी है ना। थोड़ा अभी वहां मिलोगे भी तो सबसे सामने नहीं करना... देख समझ कर। नहीं तो फिर क्या होता है, दिक्कत होती है। ठीक है... चलो... चलो।
दूसरा ऑडियो: मंत्रालय के कर्मचारी से बोले- ये सब्जी मंडी नहीं
एक अन्य ऑडियो भी वायरल हो रहा है। बताया जाता है कि इसमें प्रो. डॉ. संजय जैन सुगंधा नाम के केंडिडेट पर प्रेशर बनाने के लिए उनके विजय नाम के परिचित पर दबाव बना रहे हैं।
वे कह रहे हैं कि उसको प्रॉब्लम है तो कोई दिक्कत नहीं है, रूटीन में हो जाएगा, जब होना है। उसे अगर जल्दी करवाना है तो... उसका एक साल में हो रहा है। वैसे अभी दो-दो साल वाले पड़े और बैठे हैं। उसका बाद में हो जाएगा, कोई जल्दी नहीं है।
डॉ. संजय - देखो, विजय... सुगंधा से इतनी बातें नहीं होती हैं। ये सब्जी मंडी नहीं है।
विजय - मैं समझ रहा हूं, सर। लड़की के पास जितना है, उतने में कर दीजिए।
डॉ. संजय - उतने में नहीं होगा। हां तो हां, जो लोग तैयार हैं, उन्हें पहले करवा देंगे। रिक्वेस्ट का सवाल नहीं है। मैं बालाघाट का हूं, इसलिए सोचा।
इस ऑडियो में दूसरा व्यक्ति कह रहा है मैं भी मंत्रालय में बैठता हूं, सब समझता हूं।
BJP विधायक त्रिपाठी बोले- कोई किसी को बचा रहा है
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी संजय जैन का एक ऑडियो वायरल हुआ और उन्हें तत्काल कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया। अभी कुछ समय पहले आयुष्मान योजना में भी रिश्वतखोरी के वीडियो सामने आए थे, जिनमें आयुष्मान योजना की सीईओ सपना लोवंशी पर भी इसी तरह के आरोप लगे थे। उन पर कार्रवाई करने के बजाए उन्हें इंदौर में अपर कलेक्टर बनाकर पोस्टिंग कर दी गई थी।
नारायण त्रिपाठी ने कहा दोनों एक जैसे मामलों में एक में तत्काल कार्रवाई होना और दूसरे में पोस्टिंग कर देना। इससे जनता में अच्छा संदेश नहीं जाता है। ऐसा लग रहा है कि आयुष्मान वाले मामले में कोई किसी को बचा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- मप्र में लॉ एंड ऑर्डर की परिभाषा 'लो और दो' में बदली
संजय जैन के ऑडियो वायरल होने के बाद शिवराज सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने कहा कि मैं तो बहुत समय से कह रहा हूं। मप्र में लॉ एंड ऑर्डर की जो परिभाषा थी वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में बदल गई। अब तो यह है कि नोट लाओ और ऑर्डर ले जाओ। इस मामले में केवल निलंबन कोई सजा नही हैं। मैं कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री जी जो लगातार लूट मची है प्रदेश में उस लूट को रोकें और आम जनता को न्याय उपलब्ध कराएं। मप्र में अब एक हाथ दो और दूसरे हाथ लो का सिस्टम चल रहा है।

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