विकास यात्राओं में सच का सामना...
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के अंतर्गत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर प्रदेश में विकास यात्रा निकाली जा रही है। मंत्री-विधायकों से लेकर भाजपा के नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच पहुंच रहे हैं। सरकार के विकास कार्यों और योजनाओं का गुणगान किया जा रहा है। लेकिन कई जगह कड़वे सच का सामना भी करना पड़ रहा है। वो कड़वा सच है विकास की झूठी कहानी, जो शायद सत्ता के शिखर तक पहुंच ही नहीं पाती।
विकास यात्राओं की एक छोटी सी रपट बताती है कि कहीं बदइंतजामी पर नेता अफसरों पर भडक़ रहे हैं, तो कहीं जनता नेताओं को खरी-खोटी भी सुना रही है। हाल ही में शिवपुरी में विकास यात्रा का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त जसवंत जाटव भ्रष्टाचार पर भडक़ते हुए दिख रहे हैं। वो सिस्टम की पोल खोलते दिखे, उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में बगैर रिश्वत कोई काम नहीं होता है। यह पूरे प्रदेश की सच्चाई है। भले ही मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टालरेंस की नीति लागू की है, पर बिना रिश्वत के जीरो काम ही हो रहे हैं।
पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में विकास यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली। 5 फरवरी की शाम भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें पवई के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन आधे घंटे तक उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। प्रशासन ने अमानगंज की एम्बुलेंस से सिलेंडर निकलवाकर विधायक को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई। लेकिन अस्पताल में सुविधा नहीं थी। यह हाल केवल यहां का नहीं है, दूरदराज के तमाम इलाकों का है, जहां आक्सीजन और एम्बुलेंस समय पर उपलब्ध नहीं हो पातीं।
और देश की सबसे स्वच्छ राजधानी के हाल तो कुछ और कहते नजर आए। स्थानीय मंत्री विकास यात्रा पर निकले। वो जनता को विकास दिखाना चाहते थे, लेकिन उनके ही इलाके के देवकी नगर में सडक़ पर सीवेज का पानी बहता दिख गया तो मंत्रीजी भडक़ गए। मौके पर ही नगर निगम के अफसरों को बुलवाया और बोले- तुम्हारे बस की नहीं है तो बता दो मैं हटवा दूं। निगम ने तब जाकर यहां सफाई करवाई। मंत्री जी को पता होना चाहिए कि आधे भोपाल की हालत ऐसी ही है। और ईदगाह जैसी जगह के पास महीनों से सडक़ पर पानी बहता रहा है।
सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा के बरौंधा पंचायत में विकास यात्रा के दौरान असहज स्थिति बन गई। मंच से जब विकास का बखान चल रहा था कि इसी बीच एक युवक ने माइक थाम लिया। बोला- यहां कई लोगों को महीनों से राशन नहीं मिला। कोटेदार की मनमानी के कारण आए दिन विवाद होते हैं। सरपंच के दखल से पुलिस बुलाई जा रही है। 7 फरवरी को राशन मांगने पर दो हितग्राहियों को थप्पड़ तक मारे गए। पुलिसकर्मियों से हितग्राहियों को पिटवाया गया। ग्रामीणों की तालियों ने युवक की बात का समर्थन किया। पता चल गया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का विकास कहां हो रहा है।
एक और मामला सामने आया विकास यात्रा के तहत स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी 7 फरवरी को रायसेन के शासकीय स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने देखा तो सिर्फ 27 बच्चे स्कूल में दर्ज थे। मंत्री बोले- संख्या कम है, लगता है पढ़ाई सही नहीं करा रहे। अगर पढ़ाई सही कराते तो बच्चे ज्यादा होते। बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जा रहे हैं। इस पर एक शिक्षक ने कहा कि सर लोग ही अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ज्यादा पढ़ाना चाहते हैं तो स्वास्थ्य मंत्री बोले- आप अच्छे से पढ़ाई कराते तो क्यों कोई पैसा खर्च कर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढऩे के लिए भेजता। यही हाल रहा तो स्कूल बंद करना पड़ेगा और फिर आप भी प्राइवेट में जाकर ही पढ़ाना। यहां बात खत्म हो गई, लेकिन मंत्री जी, प्रदेश के अधिकांश सरकारी स्कूलों के हाल बेहाल ही हैं।
और सरकारी स्कूलों की बदहाली से अनजान स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार विकास यात्रा के तहत शाजापुर जिले के चापडिय़ा गांव पहुंचे, तो पता चला कि उनसे जर्जर भवन का लोकार्पण कराया जा रहा है। स्वाभाविक है, मंत्रीजी भडक़ गए। उन्होंने कलेक्टर फोन लगाकर कहा- ऐसा घटिया काम मैंने कहीं नहीं देखा। इसकी डिटेल रिपोर्ट चाहिए। उन्होंने काम के लिए जिम्मेदार दो इंजीनियरों को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए।
ये तो कुछ उदाहरण हैं। विकास यात्राओं के दौरान कहीं पंच, सरपंच और सचिव अपने अधिकार मांग रहे हैं और पंचायत भवनों की तालाबंदी कर रहे हैं, तो कहीं खाद-बीज समय पर न मिलने से फसलों की दुर्गति के मामले सामने आ रहे हैं। सडक़ों पर करोड़ों के कथित खर्च के बाद भी कुछ हाइवे छोड़ कर सडक़ों की हालत खराब ही है। ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या है तो जल जीवन मिशन जमीन पर ही उतरता नहीं दिखाई दिया। टंकियां बन गईं, पानी नहीं है। और भी तमाम समस्याएं...। फिर भी तसल्ली इस बात की है कि कम से कम जन प्रतिनिधि विकास यात्रा के बहाने इनसे रूबरू तो हो रहे हैं।
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