हंगामेदार रही भोपाल नगर निगम की पहली बैठक,:टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेस- भाजपा पार्षद आमने-सामने

करीब सवा घंटे चली भोपाल नगर निगम परिषद की पहली मीटिंग हंगामेदार रही। टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेसी पार्षदों ने 'शहर सरकार' को घेरा। वे हाथों में 'बढ़ा हुआ टैक्स वापस लो' जैसे स्लोगन लिखे पोस्टर लेकर वे अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के सामने खड़े हो गए। इस दौरान 3 बार अध्यक्ष को घेरा। उधर, हंगामे के बीच बहुमत के आधार पर 21 जोन समितियों का प्रस्ताव पास कर दिया गया। बैठक के दौरान बीजेपी और कांग्रेसी पार्षद कई बार आमने-सामने आए। श्रद्धांजलि और राष्ट्रगान के बीच सभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले MIC मीटिंग में लिए गए फैसलों को अमल में लाने की बात भी कही गई। प्रापर्टी टैक्स में सितंबर तक छूट समेत कई निर्णय यहां हुए थे।

एमआईसी मेंबर रविंद्र यति, मनोज राठौर, राजेश हिंगोरानी ने महापौर के भाषण शुरू होने के पहले ही इस तरह से हंगामा करने की परंपरा को गलत बताया। अध्यक्ष सूर्यवंशी ने भी कांग्रेसी पार्षदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। इसके चलते अध्यक्ष सूर्यवंशी अपनी कुर्सी से उठकर चले गए और सदन की कार्रवाई स्थगित हो गई।

माइक बंद, कांग्रेस ने जताई आपत्ति
करीब 20 मिनट के बाद शुरू हुई सदन की कार्रवाई की शुरुआत में कांग्रेस ने माइक बंद होने पर आपत्ति जताई। इसके बाद वे फिर से अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंच गए। वे जोन समितियों के एजेंडे पर अड़े थे। इसी बीच MIC मेंबर यति ने नियम बताना शुरू किया तो दूसरी ओर कांग्रेसी पार्षद अध्यक्ष सूर्यवंशी को टैक्स, लाइसेंस फीस आदि को लेकर अपनी बात कह रहे थे। अध्यक्ष सूर्यवंशी ने पार्षदों को समझाइश दी, लेकिन पार्षदों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ ही देर बाद वे अध्यक्ष की कुर्सी के सामने धरने पर बैठ गए।

अध्यक्ष की कुर्सी के सामने जमीन पर बैठे कांग्रेसी पार्षद।

महापौर को आना पड़ा मैदान में

हंगामे के बीच महापौर मालती राय को मैदान में आना पड़ा। उन्होंने जोन समितियों के चुनाव को लेकर चर्चा शुरू की। उन्होंने अध्यक्ष से मांग की कि जोन समितियों के चुनाव की तारीख जल्द घोषित करें। उन्होंने MIC मीटिंग में लिए गए निर्णय को अमल में लाने की बात भी कही। महापौर का भाषण खत्म होने के बाद फिर से हंगामा शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष जकी ने प्रापर्टी और जल कर बढ़ाने का विरोध जताया। टैक्स बढ़ाने को लेकर MIC मेंबर यति ने पक्ष रखा। इसी मुद्दे पर दोनों पक्ष फिर से आमने-सामने हो गए। कांग्रेसी पार्षदों ने तीसरी बार अध्यक्ष की कुर्सी घेर ली। कांग्रेसी पार्षद टैक्स वृद्धि वापस लेने पर अड़े थे। 'तानाशाही नहीं चलेगी'... जैसे नारे भी लगाए।

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