नई दिल्ली।अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार उस पैसे पर पांच फीसदी कर लगाने की योजना बना रही है, जो विदेशी नागरिक अपने देशों में भेजते हैं। इस पर भारत में चिंता जताई जा रही है, क्योंकि इससे भारतीय परिवारों की आय पर असर पड सकता है। जीटीआरआई ने रविवार को यह बात कही।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि यह प्रस्तावित कर भारत में चिंता का कारण बन रहा है, क्योंकि अगर यह कानून बनता है, तो भारत को हर साल अमेरिका से मिलने वाली मुद्रा में अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है। इसने कहा, भारत के लिए यह अहम मामला है, क्योंकि देश को 2023-24 में 120 अरब डॉलर की रेमिटेंस हासिल हुई, जिसमें करीब 28 फीसदी अमेरिका से हासिल हुई।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, पांच फीसदी कर लगने से पैसे घर भेजने की लागत काफी बढ़ सकती है। रेमिटेंस में 10-15 फीसदी की कमी होने से भारत को हर साल 12-18 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस नुकसान से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति कम हो जाएगी, जिससे रुपये पर हल्का दबाव पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को रुपये को स्थिर करने के लिए बार-बार दखल देना पड़ सकता है। अगर रेमिटेंस का असर पूरी तरह से पड़ता है, तो रुपये में प्रति डॉलर 1-1.5 रुपये की गिरावट हो सकती है। केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में लाखों परिवार रेमिटेंस पर निर्भर हैं, जो उनके शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आवास जैसे आवश्यक खर्चों को पूरा करने में मदद करते हैं।