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MP chief secretary: बैंस को एक्सटेंशन देने से पहले विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं ली गई: तनख़ा

भोपाल। मप्र कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा ने कहा है कि किसी सरकारी कर्मचारी को सार्वजनिक हित में सेवा विस्तार (एक्सटेंशन) देने से पहले सतर्कता (विजिलेंस क्लीयरेंस) मंजूरी लेना सिविल सेवाओं का कानून है ! हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि मप्र के मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस को सेवा विस्तार देने से पहले लोकायुक्त कार्यालय से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। 

श्री तनख़ा ने इस संबंध में ट्वीट किया है। उनका कहना है कि नियम ताक में रखकर बैंस को सेवा विस्तार दिया गया है। उल्लखनीय है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की पहल पर ही बैंस को दो बार एक्सटेंशन दिया गया है। चौहान चाहते रहे हैं कि बैंस ही प्रदेश में चुनाव करवाएं।

अब कांग्रेस ने बैंस के खिलाफ ही मोर्चा खोल लिया है। पांच सौ करोड़ के पोषण आहार घोटाले में उनकी हिस्सेदारी का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त को शिकायत की गई है। ज्ञातव्य है कि सीएस रहते ही सीएस बैंस ने अपने पुत्र अमानवीर सिंह बैंस को बैतूल कलेक्टर नियुक्त किया। 

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