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एनजीटी के जुर्माने को लेकर नगर निगम परिषद की बैठक में हंगामा..परिषद अध्यक्ष ने आयुक्त से कहा – अधिकारियों पर कार्रवाई करें

भोपाल। आज भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक शुरू होते ही हंगामे में बदल गई। कांग्रेसी पार्षदों ने एनजीटी के निगम पर जुर्माने के मुद्दे पर हंगामा कर दिया। उन्होंने दोषी अधिकारियों से जुर्माने की राशि वसूलने और कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी की आसंदी 2 बार घेर ली। टेंडर, विकास कार्य जैसे कई विषयों पर भी कांग्रेस पार्षदों ने आपत्ति ली है। वार्ड-12 के पार्षद देवेंद्र भार्गव ने अपने वार्ड में एक सडक़ निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने का मुद्दे पर बात की। इस पर अध्यक्ष ने सब इंजीनियर, ठेकेदार पर कार्रवाई करने के निर्देश निगम कमिश्नर फ्रैंक ए. नोबल को दिए।

प्रश्नकाल के दौरान निर्माण से जुड़े एक प्रश्न का जवाब एमआईसी मेंबर जितेंद्र शुक्ला दे रहे थे, तभी नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने जवाब को मिथ्या कह दिया। इसके चलते सभी एमआईसी मेंबर अध्यक्ष की आसंदी के सामने आ गए और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष द्वारा ऐसा कहने पर माफी मांगने की बात कहीं। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस पार्षद आमने-सामने आ गए। एमआईसी मेंबर और बीजेपी पार्षदों ने नेता प्रतिपक्ष माफी मांगो…के नारे भी लगाए। निगम अध्यक्ष सूर्यवंशी ने दोनों पक्षों को समझाइश दी। इसके बाद प्रश्न फिर से शुरू हुआ।

इससे पहले मीटिंग 30 मिनट की देरी से सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई। वंदे मातरम के गायन होने के बाद नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी, पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्?डू चौहान, मो. सरवर समेत अन्य कांग्रेस पार्षदों ने जुर्माने का मुद्दा उठा दिया। इसके बाद वे अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंच गए। इस पर बीजेपी पार्षदों ने भी आपत्ति ली। महापौर मालती राय ने जुर्माने के फैसले को लेकर कोर्ट में जाने की बात कहीं।

विपक्ष ने दो प्रश्न पूछे, महापौर ने दिया जवाब

नेता प्रतिपक्ष जकी ने लोक महत्व के दो प्रश्न उठाए। पहला प्रश्न लाड़ली बहना योजना की राशि किन मदों से खर्च करने समेत आवंटन आदि से जुड़ा था। इस पर महापौर मालती राय ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के हित में लाड़ली बहना योजना शुरू की है। भोपाल में 2 लाख 83 हजार से अधिक महिलाएं योजना का लाभ उठा रही हैं। इससे महिलाएं आर्थिक रूप सशक्त हुई है। प्रश्न के उत्तर दिए जाने के दौरान विपक्ष ने हंगामा कर दिया। इसके चलते अध्यक्ष सूर्यवंशी ने कहा कि राशि के लिए कलेक्टर को पत्र लिख दिया गया है। शासन से निगम को राशि मिल जाएगी।

अध्यक्ष बोले- जुर्माने की कार्रवाई बार-बार हो रही, इसकी जांच हो

अध्यक्ष सूर्यवंशी ने कहा कि एनजीटी बार-बार निगम पर जुर्माने की कार्रवाई कर रहा है। इसकी जांच होना चाहिए। यदि निगम अधिकारियों की गलती से यह कार्रवाई हो रही है तो यह बात गंभीर है। इसे लेकर महापौर और एमआईसी को देखना चाहिए। इस बीच एमआईसी मेंबर रविंद्र यति ने कहा कि एनजीटी में शिकायत होने के बाद यह कार्रवाई होती है। हम सुप्रीम कोर्ट में जा रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा कि निगम पर जुर्माना होने पर अधिकारियों की भी गलती है। उन्हें तालाब और पर्यावरण की सुरक्षा करना चाहिए। इसीलिए कमिश्नर को आदेश दिए हैं कि वे इसकी जांच करें। जो दोषी हो उसके विरुद्ध कार्रवाई करें। उन्हें बचाने की कोई जरूरत नहीं है।

खराब सडक़ को लेकर सब इंजीनियर-एई पर कार्रवाई होगी

पार्षद देवेंद्र भार्गव ने अपने वार्ड में एक सडक़ निर्माण में खराब क्वॉलिटी की सामग्री लगाने का मुद्दा पिछली मीटिंग में उठाया था। इसके बाद जांच समिति बना दी गई। जांच में कार्य में भ्रष्टाचार होने की बात सामने आई। पार्षद भार्गव ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की। आसंदी से अध्यक्ष सूर्यवंशी ने भी इस मामले को सही ठहराया और कमिश्नर को आदेश दिए कि ठेकेदार, सब इंजीनियर और एई पर कार्रवाई करें। ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेट किया जाए।

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