Supreme Court अपना फैसला वापस ले ले…’, जोशी और कर्ण सिंह ने CJI गवई से किस मामले में की ये अपील?

नई दिल्ली। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई से एक मामले में पुनर्विचार करने और सुप्रीम कोर्ट के ही फैसले को वापस लेने की मांग की है। यह मामला साल 2021 में उत्तराखंड में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत सड़क चौड़ीकरण से जुड़ा है। जोशी और कर्ण सिंह ने इसे लेकर गवई को पत्र लिखा है।

दोनों नेताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद हिमालय के इलाके में बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। जोशी और कर्ण सिंह के इस पत्र का 57 नामी-गिरामी शख्सियतों ने समर्थन किया है।

इनमें इतिहासकार और पद्मश्री विजेता शेखर पाठक, पद्मभूषण से सम्मानित लेखक रामचंद्र गुहा, आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य जैसी बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, वर्तमान और पूर्व सांसदों और उत्तराखंड के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी पत्र में की गई अपील का समर्थन किया है।

जोशी और कर्ण सिंह ने कहा है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के 2020 के उस सर्कुलर को रद्द किया जाना चाहिए, जिसमें सड़कों के चौड़ीकरण की अनुमति दी गई थी। जोशी और सिंह का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के तहत सड़क की चौड़ाई 12 मीटर करने के बजाय 5.5 मीटर की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
14 दिसंबर, 2021 को जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने केंद्र सरकार की उस योजना को मंजूरी दे दी थी, जिसमें ऋषिकेश-माणा, ऋषिकेश-गंगोत्री और टनकपुर-पिथौरागढ़ के नेशनल हाईवे को 12 मीटर चौड़ा किए जाने का प्रस्ताव था। सुप्रीम कोर्ट ने इस परियोजना के लिए जस्टिस ए. के. सीकरी की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई थी।

चार धाम परियोजना में हिमालय में लगभग 825 किलोमीटर की सड़कों को चौड़ा किया जाना है। केंद्र ने पूरी परियोजना को 53 पैकेजों में बांटा था। 11 जून, 2025 को जारी सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 629 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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