MPEB : भिंड में लोड के नाम पर लाखों की वसूली, अब श्योपुर में किसानों और व्यापारियों से लूट, जांच- नोटिस का खेल, अफसर बेखौफ़…

भिंड। व्यापारियों के कनेक्शन काटकर लोड के नाम पर अवैध वसूली कर 2-2 लाख रूपये लेकर बिजली के कनेक्शन जोड़ने और किसानों के 10-12 वर्ष पुराने ट्रांसफार्मर एवं लाइन को अवैध बताकर उतरवाने की धमकी देकर 50 से 1 लाख रूपये लेने जैसे आरोपों के साथ ही ग्रामीण शहरी आबादी में के घरो के अंदर जाकर उपभोक्ताओं से लोड के नाम पर 20 से 50 हजार रूपये तक कु वसूली करने वाले जूनियर इंजीनियर को अधिकारियों द्वारा लगातार बचाया जा रहा है। ये अफसर पहले भिंड में लोगों को लूटता रहा, अब श्योपुर में लूट रहा है। जांच के नाम पर केवल औपचारिकतायें ही हो रही हैँ। यही नहीं जाँच अधिकारी अपना कमीशन लेकर मामला दबाने में लगे रहते हैँ।
लोगों का फर्जी पंचनामा बनाकर उनसे पैसे के लेनदेन का वीडियो में नारायण सिंह परिहर लाईन हेल्पर द्वारा व्यापारियों से पैसे की मांग करने का वीडिओ भी जारी हो चुका है। बड़े अफसर शिकायतों को अनदेखा करने में लगे रहते हैँ। इस अफसर का नाम लोकेन्द्र सिँह जाट है, जो शहरी से लेकर ग्रामीण जनता तक को लूट रहा है।
श्योपुर के बिजली अधिकारियों को भले ही बिजली कंपनी कराहल के सहायक प्रबंधक (जेई) लोकेन्द्र जाट के अवैध कारनामे नजर ना आ रहे हों लेकिन भिण्ड जिले में फिलहाल जांच शुरू हो गई है। कराहल जेई के विरुद्ध भिण्ड में चल रही अनियमितताओं की जांच पूरी हो चुकी है। खास बात यह है कि जो भी आरोप जेई पर लगाये गये थे, उनमें वे दोषी पाये गये है। जेई को l सात दिन का अल्टीमेटम जारी किया गया था, प्र वो अवधि भी समाप्त हो चुकी है।
मालूम हो कि वर्तमान में कराहल जेई लोकेन्द्र जाट द्वारा श्योपुर जिले भी धांधलेबाजी की गई है। ऐसा ही हाल उनका भिण्ड क्षेत्र में रहा है। वहां भी उन्होंने जमकर लूटपाट मचाते हुए कई अवैध कारनामों को अंजाम दिया। जिनकी शिकायतों के बाद जांच की जा रही है.
रही थी। अब वह जांच पूरी से चुभी है जिनमें जोई लोकेन्द्र जाट दोषी पाये गये है। जेई के मामले में जांग कर रहे अधिकारी भिण्ड लहार के उप महाप्रबंधक ने सात दिन का अल्टीमेटम जारी करते हुए जांच प्रतिवेदन कार्रवाई के लिए महाप्रबंधका भिण्ड को प्रस्तुत करने की बात कही है।
ऐसे सिद्ध हुए आरोप
आरोपः 1- भिण्ड जिले के मौ वितरण केन्द्र पर दिनांक 28.08.24 को रात्रि में सरनौल फीडर की सप्लाई बंद करवाने एवं सी.टी. तुड़वाने का आरोप
उक्त आरोप के अनुक्रम में दिनांक 13.02.25, 25.02.25, 10.03.25 और 17.03.25 की बैठक आयोजित हुई। 13.02.25 को प्रश्न सीटी बस्ट करने के आदेश के संबंध में प्रश्न पूछा गया। लोकेन्द्र सिँह द्वारा प्रश्न का उत्तर नहीं दिया गया। 25.02.25 को आयोजित बैठक में प्रदर्श पी-2 में सहायक प्रबंधक ने कारण बताओ सूचना पत्र के प्रत्युत्तर में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि मेरे द्वारा सीटी को तोड़ने को बोला गया है। लोकेन्द्र सिंह सहायक प्रबंधक के नियंत्रणकर्ता अधिकारी ने पत्र क्रमांक 1228 दिनांक 23.09.24 प्रदर्श पी-1 में अपना प्रतिवेदन दिया है कि रसनौल मिश्रित फीडर को अवैधानिक रूप से बंद करवाया गया। नियत्रंणकतां अधिकारी ने 10.03.25 की बैठक में स्पष्ट किया कि रसनौल मिश्रित फीडर को अवैधानिक रूप से बंद करावाया था। दिनांक 17.03.25 की बैठक में रवीन्द्र कशवाह बाहय श्रोत सब स्टेशन आपरेटर (गबाह) ने बताया कि जेई लोकेन्द्र सिंह ने रसनौल फीडर की सी.टी. खराब करने के लिए कहा था। सब स्टेशन ऑपरेटर ने अपने बयान में
कहा कि जेई द्वारा द्वेषपूर्वक बिजली बंद कराई गई थी। अतः जैई पर आरोप क्रमांक 1 सिद्ध पाया गया।
आरोष 2 गैर घरेलू एवं औद्योगिक श्रेणी के कनेक्शनों के बंद/खराब जले मीटर शत-प्रतिशत नहीं बदलने का आरोप।
उक्त आरोप को लेकर दिनांक 10.03.25 को आयोजित बैठक में बताना कि जेई द्वारा 250 मीटर घरेलू श्रेणी के बदले गए। जिनकी एन.जी.बी. में पंचिंग नहीं कराई जा सकी। जेई द्वारा औद्योगिक एवं गैर घरेलू श्रेणी के मीटर नहीं बदले गए। अतः जेई पर आरोप क्रमांक 2 सिद्ध पाया गया।
आरोप 3 : कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड के पत्र क्रमांक 11169 दिनांक 16.10.24 के माध्यम से उक्त शिकायत की जा कर आवश्यक कार्रवाई किए जाने का आरोप।
विवरणः दिनाक 10.03.25 की बैठक में प्रदर्श पी-4 पी-6 में जेई ने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। अतः यह आरोप भी सिद्ध पाया गया।
श्योपुर के अधिकारी बने मूकदर्शक
जेई द्वारा श्योपुर जिले के जमकर धांधली की जा रही है। जिले में जहां भी जेई की पदस्थापना रही है वहां के रिकार्ड को यदि सरसरी निगाहों से भी देख लिया जाए तो जेई द्वारा किये गये कारनामे आइने की तरह साफ नजर आ जायेंगे। श्योपुर बिजली कंपने में लोकेन्द्र जाट पहले ऐसे अधिकारी है जो इतने विवादित होने के बाद भी न जाने किन्ही संरक्षणकर्ताओं के कारण अब तक श्योपुर जिले में डटे हुए है। जिला प्रशासनिक अधिकारी एवं संबंधित विभागीय अधिकारी पूरी तरह से मूकदर्शक बने बैठे हैं। बड़ौदा में पांच रुपए में कनेक्शन बांटने का मामला हो या फिर श्योपुर में अवैध रूप से लाइन डिस्मेंटल कराने का, या फिर कराहल में अवैध वसूली का मामला हो। प्रशासन को जेई का कोई भी कारनामा दिखाई नहीं दे रहा है। जेई के इतने बड़े-बड़े कारनामे प्रशासन को क्यों नजर नहीं आ पा रहे हैं। यह भी विचारणीय विषय है।