भोपाल। मध्यप्रदेश में तबादले का इंतजार अब खत्म हो गया है। सरकार ने शनिवार आधी रात के बाद तबादला नीति से संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। कैबिनेट इस पर 29 अप्रैल को मुहर लगाई थी। इस नीति के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 से 30 अप्रैल 2025 के बीच जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला हुआ है, उनका तबादला मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी इस नीति का पालन करना सभी विभागों के लिए अनिवार्य होगा। प्रदेश में 6 लाख 6 हजार नियमित कर्मचारी हैं। नई तबादला नीति में 10% का तबादला होना तय माना जा रहा है। ऐसे में 30 मई तक 60 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले हो सकते हैं।
नई तबादला नीति
नई तबादला नीति के अनुसार विभाग अपने लिए अलग से तबादला नीति बना सकेंगे, लेकिन जीएडी के प्रावधानों का पालन करना जरूरी होगा। जीएडी की नीति से हटकर किए जाने वाले तबादलों में मुख्यमंत्री के समन्वय में आदेश प्राप्त करने होंगे। जिला संवर्ग के कर्मचारी का और राज्य संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का जिले के भीतर तबादला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद किया जाएगा।
कमजोर परफार्मेंस वाले पहले हटेंगे
तबादला नीति में यह जरूरी नहीं है कि 3 साल पूर्ण होने पर ही तबादला किया जाए। इसमें प्रावधान किया है कि प्रशासनिक आधार पर किए जाने वाले तबादलों में उन को पहले बदला जा सकेगा, जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया है। इसका मतलब है कि जिनका परफार्मेंस कमजोर है, उन्हें पहले हटाया जाएगा। अधिकारी खुद के खर्च पर ट्रांसफर करवाना चाहते हैं या परस्पर ट्रांसफर चाहते हैं, उनके आवेदन ऑनलाइन या कार्यालय प्रमुख द्वारा सत्यापित आवेदन के रूप में पेश किए जाएंगे। स्वयं के व्यय पर रिक्त परस्पर किए गए स्थानांतरण तथा प्रशासनिक कारणों से किए गए स्थानांतरण संबंधी आदेश अलग-अलग जारी किए जाएंगे। स्वेच्छा से स्थानांतरण संबंधी आवेदन में उन शासकीय सेवकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण किया गया हो।
पुलिस के लिए यह हैं प्रावधान
तबादला नीति के अनुसार गृह विभाग के अंतर्गत उप पुलिस अधीक्षक से नीचे के पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले गृह विभाग द्वारा गठित पुलिस स्थापना बोर्ड के आधार पर होंगे। तबादला बोर्ड द्वारा जिले में पदस्थापना का निर्णय लिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रभारी मंत्री के परामर्श के बाद पदस्थापना की जाएगी। उप पुलिस अधीक्षक और उससे वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विभागीय मंत्री के अनुमोदन बाद सीएम समन्वय में मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर किए जाएंगे।
एक साल में रिटायरमेंट वालों का तबादला नहीं
नई तबादला नीति के अनुसार जो अधिकारी या कर्मचारी एक साल या उससे कम समय में रिटायर हो रहे हैं, उनका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। पति-पत्नी एक साथ ट्रांसफर का आवेदन देते हैं तो उनका ट्रांसफर किया जा सकेगा। लेकिन नियुक्ति की जगह प्रशासनिक जरूरत के आधार पर तय होगी। ऐसे कर्मचारी जिन्हें गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस या हार्ट सर्जरी की वजह से रेगुलर जांच कराना जरूरी है, उनका जहां ट्रांसफर होता है वहां ये सुविधा नहीं है तो मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर उनकी चाही गई जगह पर ट्रांसफर हो सकेगा। जो कर्मचारी 40% या इससे अधिक दिव्यांग कैटेगरी में हैं, उनके ट्रांसफर नहीं होंगे। वे चाहें तो खुद से ट्रांसफर ले सकेंगे।
अटैचमेंट खत्म किए जाएंगे
नई तबादला नीति के अनुसार सभी प्रकार के अटैचमेंट खत्म किए जाएंगे। साथ ही तबादले से रिक्त होने वाले पद की भरपाई उसी पद या समकक्ष अधिकारी की पदस्थापना से की जाएगी। नियमित अधिकारी या कर्मचारी का तबादला कर उस पद का चार्ज जूनियर अधिकारी कर्मचारी को नहीं दिया जाएगा। जितने भी तबादले होंगे उसकी जानकारी विभाग प्रमुखों को जीएडी को देना अनिवार्य होगी। जिसका तबादला हो जाएगा, उस शासकीय सेवक का अवकाश नई पदस्थापना वाले कार्यालय में जॉइन करने के बाद ही स्वीकृत किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग में 16 तक आवेदन
स्कूल शिक्षा विभाग की तबादलों के लिए जारी गाइडलाइन में कहा है कि स्वैच्छिक तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन 6 मई से 16 मई तक किए जा सकेंगे। इस पर आदेश जनरेट करने का काम 20 मई तक होगा। ऐसे अतिशेष शिक्षक जिन्होंने स्वैच्छिक स्थानांतरण का विकल्प नहीं चुना है या जिन्हें विकल्प नहीं मिल सका है उनके तबादले प्रशासकीय आधार पर 30 मई तक होंगे। एक जून तक तबादला वाले शिक्षकों को जॉइन करना होगा।
प्रभारी मंत्री की इच्छा पर डिप्टी कलेक्टर
नई तबादला नीति में कहा गया है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पोस्टिंग सामान्य प्रशासन विभाग जिले में करेगा। डिप्टी कलेक्टर, जॉइंट कलेक्टर की अनुविभाग में पदस्थापना या अनुविभाग परिवर्तन, कलेक्टर जिला प्रभारी मंत्री की सहमति से कर सकेंगे। इसके पहले जीएडी जिलों में पोस्टिंग कर देता था और कलेक्टर खुद राजस्व अनुविभाग और मुख्यालय में इनकी पोस्टिंग करते थे।
एक जगह तीन साल वालों के लिए यह नियम
नई तबादला नीति में एक जगह पर 3 साल पूरे हो गए तो तबादला जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों अपर कलेक्टर, जॉइंट कलेक्टर की एक ही स्थान पर तीन साल की पोस्टिंग पूरी होने पर जिले से बाहर तबादला किया जाएगा। नायब तहसीलदार और तहसीलदार जैसे तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों और कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर 3 साल या उससे ज्यादा अवधि की पोस्टिंग पूरी होने पर तबादला किया जा सकेगा।
गृह जिले में पोस्टिंग को लेकर यह है आदेश
नई नीति के अनुसार किसी भी कार्यपालिक कर्मचारी-अधिकारी का उसके गृह जिले में तबादला या पदोन्नति की स्थिति में पदस्थ नहीं किया जाएगा। अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं के प्रकरणों में उनके गृह जिले में तबादला किया जा सकेगा। कमीशन प्राप्त एनसीसी अधिकारियों के तबादले करते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जिन स्थानों पर अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाता है उन स्थानों पर एनसीसी की संबंधित इकाई संचालित हो।