MP: सीएम मोहन यादव एक बार फिर पलटेंगे शिवराज का फैसला..! सीपीए फिर गठित होगा?

भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा फैसला पलटने जा रहे हैं। यह फैसला है सीपीए यानी राजधानी परियोजना प्रशासन को फिर से गठन करने का। इस मामले में नगरीय प्रशासन को प्रस्ताव बनाने को कहा गया है। संभव है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जा सकता है।

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पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ( Former Chief Minister Shivraj Singh ) ने भोपाल की खस्ताहाल सड़कों पर नाराजगी जताते हुए सीपीए को बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद 3 मार्च 2022 को कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर सीपीए को खत्म कर इसका काम पीडब्ल्यूडी, नगरीय प्रशासन और वन महकमे के बीच बांट दिया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछड़ावर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने सीपीए को फिर से शुरू करने की सिफारिश मुख्यमंत्री मोहन यादव से की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने इस मामले में मुख्य सचिव वीरा राणा को सीपीए का फिर से गठन करने की बात कही। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव राणा ने इस मामले में नगरीय प्रशासन विभाग से सीपीए को नए सिरे से गठन करने का प्रस्ताव बनाने को कहा है। संभावना है कि नगरीय प्रशासन विभाग के प्रस्ताव बनने के बाद आगे तय किया जाएगा कि सीपीए को किस नए स्वरुप में गठित किया जाए।

1960 में बना था सीपीए 

राजधानी को विशेष रूप से सुंदर बनाने के लिए 1960 में सीपीए का गठन किया गया था। दरअसल, 1956 में भोपाल राजधानी बना, उस वक्त तक भोपाल शहर पुराना देहात जैसा ही था। सभी एजेंसियों के अधिकारी आपस में झगड़ा किया करते थे। इसलिए डिसाइड किया गया कि सभी डिपार्टमेंट के अधिकारियों को मिलाकर एक नया डिपार्टमेंट बनाया जाएगा, जो भोपाल शहर की देखभाल करेगा। आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत CPA का गठन किया गया। स्मार्ट सिटी के अलावा भोपाल शहर में जो कुछ भी दिखाई देता है, सब राजधानी परियोजना प्रशासन की देन है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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