Loksabha elections: आज शाम को होगी कांग्रेस की CEC:दमोह, विदिशा और गुना में नाम तय, 3 सीटें फिर होल्ड

भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए एमपी की 3 सीटों पर आज रात तक उम्मीदवार घोषित हो सकते हैं। दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में आज शाम को सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (CEC) की मीटिंग है। इस बैठक में एमपी की बाकी बची छह सीटों पर उम्मीदवार तय हो जाएंगे। मीटिंग के बाद उम्मीदवारों की सूची घोषित हो सकती है। विदिशा से पराजय का रिकॉर्ड बनाने वाले प्रतापभानु शर्मा पर कांग्रेस दांव लगा रही है।

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Loksabha elections: आज शाम को होगी कांग्रेस की CEC:दमोह, विदिशा और गुना में नाम तय, 3 सीटें फिर होल्ड 3

अब तक हुई चर्चाओं में दमोह, गुना और विदिशा के उम्मीदवारों को लेकर सहमति बन गई है। अब बाकी बचे तीन सीटों के उम्मीदवारों के नामों पर आज शाम को बैठक में कुछ तय हो सकता है।

इन छह सीटों पर घोषित होने हैं उम्मीदवार कांग्रेस दो बार में 22 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। खंडवा, गुना, दमोह, ग्वालियर, मुरैना और विदिशा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार तय होने हैं। दमोह सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है। तीसरे चरण में मुरैना, ग्वालियर और विदिशा में 7 मई और चौथे चरण में खंडवा लोकसभा क्षेत्र में 13 मई को मतदान होना है।

दमोहः तरवर सिंह लोधी पर लग सकता है दांव दमोह सीट पर कांग्रेस महिला उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रही है। लेकिन, दो दमदार महिला दावेदारों ने पार्टी को चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटेल और बड़ामलहरा विधायक रामसिया भारती में से किसी एक महिला को लड़ाने पर मंथन चल रहा था, लेकिन दोनों ही नेत्रियों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने भी इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई लेकिन दमोह लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता उनके पक्ष में नहीं हैं। अब माना जा रहा है कि बंड़ा के पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

गुना- सिंधिया के धुर विरोधी परिवार से हो सकता है उम्मीदवार

गुना सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने खुद चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। लेकिन, लोकल लीडर्स उनके पक्ष में नहीं हैं। कांग्रेस में पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी और मुंगावली के पूर्व विधायक स्वर्गीय राव देशराज सिंह यादव के बेटे, राव यादवेंद्र यादव सिंह के नाम पर मंथन चल रहा है। राव परिवार ज्योतिरादित्य सिंधिया का धुर विरोधी रहा है। 2002 के लोकसभा उप चुनाव में राव देशराज सिंह यादव गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। वीरेंद्र रघुवंशी का कहना है कि मैंने दो महीने पहले ही चुनाव न लड़ने की बात पार्टी को बता दी थी। चुनाव लड़ने के लिए पहले से तैयारी करनी पड़ती है। मेरी कोई तैयारी नहीं है।

विदिशा- प्रताप भानु शर्मा को उतारने की तैयारी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने कांग्रेस का उम्मीदवार तय नहीं हो पाया है। इस सीट पर पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को उतारने की तैयारी चल रही है। शर्मा के अलावा इस सीट पर महिला कोटे से विंग कमांडर (रिटायर) अनुमा आचार्य का नाम चर्चा में है। लेकिन, पार्टी के अंदर अनुमा को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। कुछ नेताओं ने तर्क दिया है कि अनुमा ने 2018 में विदिशा सीट से आम आदमी पार्टी से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। उन्हें मात्र छह सौ वोट मिले थे। ऐसे में उन्हें लोकसभा प्रत्याशी नहीं बनाया जाना चाहिए। हालांकि पार्टी में महिला कोटे को लेकर अनुमा के नाम पर मंथन चल रहा है।

तीन सीटों पर अभी सहमति नहीं

कांग्रेस सूत्रों की मानें तो अभी तीन सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है। खंडवा, ग्वालियर और मुरैना सीट पर उम्मीदवारों को लेकर नेताओं में सहमति नहीं बन पा रही है।

खंड़वा- राजनारायण भी राजी नहीं, शेरा पर मंथन पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव अपने प्रभाव वाले क्षेत्र खंड़वा से लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। पार्टी के नेताओं ने राजनारायण सिंह पुरनी को लड़ने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। अब पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, नरेंद्र पटेल के नाम पर मंथन चल रहा है। महिला उम्मीदवारों में सुनीता सकरगाए के नाम पर भी विचार हो रहा है।

ग्वालियर- प्रवीण भी लड़ने को राजी नहीं ग्वालियर लोकसभा सीट पर अब तक उम्मीदवार तय नहीं हो पाया है। मुरैना और ग्वालियर दोनों लोकसभाओं में उम्मीदवारों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस लीडरशिप पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीटू) को ग्वालियर से उतारने के पक्ष में हैं। लेकिन, नीटू के बड़े भाई और ग्वालियर विधायक सतीश सिकरवार अपने परिवार से किसी को ग्वालियर से लड़ाने के लिए राजी नहीं हैं। सिकरवार परिवार की इच्छा है कि नीटू को यदि लड़ाना है तो मुरैना से उम्मीदवार बनाया जाए। ग्वालियर लोकसभा सीट से पूर्व विधायक प्रवीण पाठक और पूर्व सांसद रामसेवक सिंह बाबू जी के नामों पर मंथन चल रहा है। प्रवीण भी चुनाव लड़ने में ज्यादा इंट्रेस्टेड नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में ग्वालियर से पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

मुरैना – पंकज उपाध्याय पर लग सकता है दांव

मुरैना लोकसभा से जौरा विधायक पंकज उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। पंकज ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। बीजेपी ने नरेन्द्र सिंह तोमर के करीबी पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर को मुरैना से प्रत्याशी बनाया है। पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार भी मुरैना से दावेदारी ठोक रहे हैं। ठाकुर बहुल मुरैना लोकसभा में सिकरवार परिवार भी दमखम रखता है। इस सीट पर कांग्रेस ठाकुर के अलावा अन्य किसी वर्ग का उम्मीदवार उतारने के मूड में हैं। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के करीबी पंकज उपाध्याय को इस सीट पर उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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