Uma bharti की नई मांग, चुनाव में पचास फीसदी महिलाओं को दिया जाए टिकट…!
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी से मांग की कि चुनाव में 50 फ़ीसदी महिलाओं को टिकट दिया जाए। 25 फ़ीसदी ओबीसी और अन्य 25 फ़ीसदी पर आदिवासी और दलित वर्ग की महिलाओं को टिकट दिया जाए।
उन्होंने कहा कि सामान्य सीटों पर दलित, आदिवासी और ओबीसी को टिकट मिलना चाहिए। ऐसा फैसला करने से समाज में एकता आएगी। उन्होंने कहा, जब आरक्षित सीट पर सामान्य वर्ग दलित,आदिवासी को वोट कर सकता है तो सामान्य वर्ग को दूसरा समझ क्यों नहीं वोट करेगा? उमा ने ये भी कहा कि 60 फीसदी आबादी की मेरी लड़ाई जारी रहेगी।
नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी हैं
इन दिनों में मध्यप्रदेश में पार्टी की कद्दावर नेता भाजपा से नाराज चल रही है। पार्टी ने जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत का निमंत्रण नहीं मिलने पर उन्होंने दिग्गज नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उमा ने साफ कहा था कि औपचारिकता तो निभा देते, भले ही धीरे से आने के लिए मना कर देते। मैं नहीं आती। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार बनवाई तो हमने भी बीजेपी को एक पूरी सरकार बनाकर दी थी। निमंत्रण देने की औपचारिकता तो पूरी कर देते। उमा ने यह भी कहा कि, जब पार्टी को जरूरत थी तो कोरोना पॉजिटिव होने के 11 दिन बाद ही उनको उपचुनाव में प्रचार के लिए बुला लिया गया जबकि उनकी रिपोर्ट तब तक निगेटिव भी नहीं आई थी। इस दौरान उमा 2024 का चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया और ये भी कहा कि शिवराज अगर कहेंगे तो ही प्रचार करूंगी। हाल ही में उमा ने विधानसभा चुनाव में अपने 19 समर्थकों के लिए टिकट की दावेदारी ठोंकी है।
उमा भारती लोधी समुदाय से आती हैं और मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक में लोधी समुदाय बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है। मंडल और कमंडल की सियासत के दौर में लोधी समुदाय ओबीसी का एकलौता वोट बैंक था, जो बीजेपी के साथ खड़ा था। इसके पीछे लोधी समुदाय से आने वाले बीजेपी की दिग्गज नेता कल्याण सिंह और उमा भारती की अहम भूमिका रही थी। कल्याण सिंह यूपी में तो उमा भारती एमपी में पार्टी का ओबीसी चेहरा थी। दोनों ही नेता अपने-अपने राज्य में मुख्यमंत्री भी बने। कल्याण सिंह के बाद उमा भारती लोधी समाज की सबसे बड़ी नेता हैं और उन्हें पार्टी में इस आधार पर महत्व भी खूब मिला, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उमा भारती इन दिनों बीजेपी में अपना पुराने राजनीतिक कद को हासिल करने के लिए शराबबंदी से लेकर तमाम मुद्दे उठा रही हैं।
230 सदस्यों वाली विधानसभा में करीब 65 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां लोधी समुदाय हार-जीत तय करता है। ऐसे में उमा भारती की नाराजगी से भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है। हाल ही में पार्टी ने उमा को खुश करने के लिए उनके भतीजे और खरगापुर विधानसभा से पहली बार विधायक बने राहुल सिंह को शिवराज सरकार में राज्य मंत्री बनाया है।