पौड़ी जलाशय फूटने की घटना को लेकर दो अफसर निलंबित…कई परिवार शिविरों में

दमोह। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा तहसील का पौड़ी जलाशय मंगलवार सुबह पांच बजे फूट गया, जिसमे दो गांव पानी में डूब गए। गांव में बने मकान, खेत खलिहान के साथ घर गृहस्थी का सामान सब कुछ जलमग्न हो गया। तालाब फूटने पर कमिश्नर सागर संभाग डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। कई परिवार शिविरों में रह रहे हैं।
दमोह कलेक्टर के प्रस्ताव पर जल संसाधन विभाग के एसडीओ एल.के. द्विवेदी और सब इंजीनियर डी. के. असाटी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
बचाव दल के साथ पुलिस प्रशासन पहले ही मौके पर पहुंच गया था। इसलिए जनहानि नहीं हो पाई। घटना के पूर्व ही अधिकारियों ने ग्रामीणों को सोमवार की रात गांव से निकालकर दूसरी जगह भेज दिया था।ज़ब जलाशय फूटा तो ग्राम पौड़ी और जेतगढ़ दोनों गांव पानी में डूब गये और यहां बने घर सात से आठ फीट पानी में डूब गये, मात्र दो से तीन फीट ही मकान पानी से बाहर दिखाई दे रहे हैं। जबकि खेत खलिहान और किसानों की सामग्री सभी तालाब के पानी में डूब गई। तेंदूखेड़ा एसडीएम अविनाश रावत, तेंदूखेड़ा तहसीलदार मोनिका बाघमारे, जनपद सीईओ मनीष बागरी, तारादेही थाना प्रभारी श्याम बेन, जवेरा टीआई इंद्रा सिंह, इमलिया चौकी प्रभारी आनंद अहिरवाल जिले से एसडीआर एफ की टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम रात्रि में ही मौके पर पहुंच गई थी।
तहसीलदार मोनिका बाघमारे ने बताया कि तालाब में सुराख की सूचना रात आठ बजे के करीब मिली थी। जिस पर जल संसाधन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंची थी। सुराख से पानी का बहाव कम नहीं हुआ इसलिए दमोह कलेक्टर के निर्देश पर ग्राम पौड़ी और जेतगढ़ को खाली कराया गया। ग्रामीणों को उनके रिश्तेदार, तारादेही स्कूल और अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है पुलिस प्रशासन सुरक्षा में लगा है। इस संबंध में कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर सभी प्रकार की तैयारियां करते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
