MP: विंध्य के ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने नरोत्तम मिश्रा के हाथ में ‘यात्रा की कमान? राजेंद्र शुक्ल को बनाया मंत्री
भोपाल। विंध्य क्षेत्र में सीधी पेशाब कांड के बाद ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा की कमान मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने संभाल रखी है। वे विंध्य क्षेत्र की 30 विधानसभा सीटों में से 7 सीटों पर अपनी यात्रा लेकर जा रहे हैं। पहली जन आशीर्वाद यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए अमित शाह का कार्यक्रम बदलकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लाया गया। अब इस यात्रा को नरोत्तम मिश्र आगे बढ़ा रहे हैं। सोमवार को नरोत्तम मिश्रा की यह यात्रा सतना शहर में रोड शो कर रही है।
विंध्य क्षेत्र के सीधी में हुए पेशाब कांड के बाद भाजपा की किरकिरी हुई थी और अब वो कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। राजनीति के जानकारों की माने तो जेपी नड्डा को बुलाकर और नरोत्तम मिश्रा को यात्रा की कमान सौंपने से विंध्य के ब्राह्मणों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में प्रभाव जमाने का प्रयास किया है।
यही कारण है कि हाल ही में विंध्य से राजेंद्र शुक्ल को मंत्रिमंडल में शामिल कर जातिगत समीकरणों को संतुलित करने की कोशिश की गई है।
गौरतलब है कि सीधी पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर सरकार का बुलडोजर भी चला था। पीड़ित को आर्थिक सहायता देकर उसका सम्मान भी किया था और आदिवासियों को संदेश देने का भी प्रयास किया था कि भाजपा उनके साथ है। सरकार ने पेशाब कांड के बाद आदिवासियों को भी मनाने का प्रयास किया था, लेकिन आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर बुलडोजर चलाने के कारण ब्राह्मण समाज सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया था। अब इनकी नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा की कमान भी ‘ब्राह्मण’ को सौंपी है।
वो सात विधानसभा क्षेत्र
चित्रकूट से शुरू हुई पहली जन आशीर्वाद यात्रा जिन 7 विधानसभा सीटों से गुजरेगी उनमें चित्रकूट जो कांग्रेस के पास है, रामपुर में भाजपा और सतना कांग्रेस के पास है। इसके अलावा दूसरे दिन यात्रा रैगांव से गुजरेगी, जहां कांग्रेस का विधायक है और नागौद, जहां भाजपा का विधायक हैं। इसके बाद तीसरे दिन यात्रा का पड़ाव मैहर है जहां भाजपा है और अमरपाटन में भाजपा है, जहां यात्रा का समापन होगा।
23 सीटों पर 30 प्रतिशत से अधिक ब्राह्मण
विंध्य क्षेत्र की 30 विधानसभा सीटों में से 23 सीटों पर ब्राह्मणों की 30 प्रतिशत से अधिक आबादी है। जबकि पूरे मध्यप्रदेश में 10 प्रतिशत से अधिक ब्राह्मण वोटर हैं। जबकि चंबल, महाकौशल, मध्य क्षेत्र और विंध्य क्षेत्र मिलाकर 60 सीटें ऐसी हैं, जहां ब्राह्मण ही हार-जीत का फैसला करते हैं।