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संपादकीय….सेक्सटार्शन का गंदा धंधा


हाल ही में केंद्रीय मंत्री के जो वीडियो काल आया, ये कुछ नया नहीं है। पिछले कोई दो सालों से देश में सेक्सटॉर्शन का गंदा धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। ये एक शातिर गैंग है, जो लोगों को फोन करता है। जिस तरह मंत्री जी के मोबाइल पर कॉल आई, इसी तरह ये किसी को भी कॉल करते हैं उसके बाद शुरू होता है उस शख्स को अपने जाल में फंसाने का खेल। ये एक वीडियो कॉल होती है। दूसरी तरफ से कोई लडक़ी होती है। ये लडक़ी बिना कुछ कहे तुरंत अपने कपड़े उतारने लगती है। ये इतनी जल्दी में होता है कि कोई कुछ समझ ही नहीं पाता।
अश्लील वीडियो शुरू होते ही इन लोगों के पास उस शख्स की क्लिप पहुंच जाती है। उसके बाद ये उस इंसान को परेशान करना शुरू कर देते हैं। ये कहा जाता है कि आप वीडियो कॉल पर अश्लील हरकतें कर रहे थे। वीडियो भेजकर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता है और ऐंठे जाते हैं पैसे। अगर कोई पैसे न देने की बात कहे तो ये लोग इस वीडियो को सोशल साइट्स पर डालने की धमकियां देते हैं। कहा जाता है कि इस वीडियो को हर तरफ फैला दिया जाएगा, रिश्तेदारों तक भेज दिया जाएगा।
सोचिए ये गैंग कितना शातिर है जो केंद्रीय मंत्री को भी अपना निशाना बना रहा था। इसके बाद उन्होंने तुरंत इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई। तब से आरोपियों की तलाश की जा रही थी। नंबर की जांच हुई, दूसरे रिकॉर्ड खंगाले गए तो सामने आया वो पूरा गैंग जो ट्रैपिंग को अंजाम दे रहा था। सेक्सटॉर्शन का ये रैकेट राजस्थान के भरतपुर से चल रहा था और इसका मास्टरमाइंड साबिर नाम का शख्स है। पुलिस ने इस गैंग के दो लोगों मोहम्मद साहिब और उसके एक और साथी मोहम्मद वकील को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन गैंग का लीडर साबिर अब तक फरार है। वो मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया है जिसके जरिए प्रहलाद पटेल को कॉल की गई थी। इन लोगों से पूछताछ की जा रही है और इस सेक्सटॉर्शन से जुड़े दूसरे लोगों की भी तलाशी हो रही है।
इसके पहले भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर को भी इस तरह की कॉल आ चुकी है। आम लोग तो अक्सर इस तरह के मामले में फंसते जा रहे हैं। कई बार लोग बदनामी के डर से पुलिस तक खबर भी नहीं देते और ये गैंग उन्हें लंबे समय तक ब्लैकमेल करता रहा है। भोपाल ही नहीं देश भर में ये लोग वीडियो काल के माध्यम से लोगों को फंसाने का काम कर रहे हैं। और लगता है कि मंत्री को वीडियो काल करने के आरोप में जो लोग पकड़े गए हैं, इनके अलावा कुछ और गैंग भी इसमें लिप्त हैं। आनलाइन फ्राड के साथ ही यह आनलाइन लूट का धंधा ज्यादातर राजस्थान, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गिरोह चलाते हैं। अकेले भोपाल में ही इस तरह के वीडियो काल करके लाखों रुपए ये लोग वसूल चुके हैं। एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने चालीस लाख रुपए वसूलने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, तो एक घटना ऐसी भी हुई, जिसमें व्यक्ति ने आत्महत्या ही कर ली। इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब तक आप कुछ समझ पाएं, तब तक उनका काम हो जाता है। कुछ लोग लालच में भी आ जाते हैं। और उलझते वही हैं, जो आगे बढ़ जाते हैं।
सायबर अपराध से लेकर सोशल मीडिया तक पर इस तरह के वीडियो काल से सावधान रहने की अपीलें की जा रही हैं। राजस्थान का तो एक गिरोह पकड़ा जा चुका है, जिसके पास भी काल आए, सावधानी बरतते हुए तत्काल पुलिस को सूचना दे। ऐसे में ही अन्य गैंग भी पकड़ी जा सकेंगी। इसके साथ ही सामाजिक संगठनों को इस तरह के मामलों को लेकर बाकायदा जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए। जितना हम तकनीक में आगे जा रहे हैं, उतना ही लोग ठगने के रास्ते निकाल लेते हैं। तकनीक का उपयोग कम होता है, दुरुपयोग अधिक होने लगता है। इसलिए लगातार नजर रखने की आवश्यकता है। हम स्वयं को सम्हालें, तभी दूसरे को रोक पाएंगे। आनलाइन फ्राड और वीडियो काल केवल ठगी नहीं, जानलेवा भी बनते जा रहे हैं। इसलिए जरूरत से ज्यादा सावधान रहें। बचाव में ही बचाव है।
– संजय सक्सेना

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